चीनी घुसपैठ पर कांग्रेस ने PM मोदी पर बोला हमला, सुरजेवाला ने मांगे इन 5 सवालों के जवाब

सुरजेवाला यहीं पर चुप नहीं हुए उन्होंने पीएम मोदी पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि चीनी घुसपैठ को लेकर भ्रमजाल की इस स्थिति के स्पष्ट तथ्य इस प्रकार से हैं, जो मोदी सरकार के झूठ को दुनिया भर में फैला रहे हैं.

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Ravindra Singh
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रणदीप सुरजेवाला ( Photo Credit : एएनआई ट्विटर)

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चीनी घुसपैठ को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की है. गलवान घाटी में चीन घुसपैठ को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता और हरियाणा से कांग्रेस के विधायक रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं. सुरजेवाला ने कहा कि भारत की सरजमीं पर चीनी कब्जे का दुस्साहस लगातार बना है. चीन ने डेपसांग और पैंगोंग झील के इलाके में न केवल जबरन कब्जा जमाए हुए है, बल्कि उस क्षेत्र में हो रहे चीन के अतिरिक्त सैन्य निर्माण से देश को साफ तौर पर खतरे का आभास बना हुआ है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि खेद की बात ये है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री चीनी दुस्साहस और कब्जे को लेकर केवल मीडिया की मदद से देशवासियों में भ्रम का जाल पैदा करने में लगे हैं, न कि निर्णायक तौर से यथास्थिति बनाए रखने का दृढ़ निर्णय लेने के पक्ष में हैं. भारतीय मीडिया के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार द्वारा फैलाया जा रहा ये भ्रमजाल न देश सेवा हो सकता और न ही देशभक्ति. सुरजेवाला यहीं पर चुप नहीं हुए उन्होंने पीएम मोदी पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि चीनी घुसपैठ को लेकर भ्रमजाल की इस स्थिति के स्पष्ट तथ्य इस प्रकार से हैं, जो मोदी सरकार के झूठ को जगजाहिर कर रहे हैं.

रणदीप सुरजेवाला ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी से 5 सवालों के जवाब मांगे हैं. उन्होंने पीएम के पुराने बयानों को कोट करते हुए पीएम मोदी से इन सवालों के जवाब मांगे हैं.

  • 19 जून, 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि - न तो हमारी सीमा में कोई घुसा है, न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.
  • 26 जून, 2020 की शाम को ही चीन में भारत के राजदूत ने भारत की एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान बताया था कि भारत उम्मीद करता है कि चीन अपनी जिम्मेदारी समझकर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में पीछे हट जाएगा.
  • 17 जून, 2020 को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने लिखित तौर से इस बात को स्वीकार किया था कि चीन ने गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारत की तरफ निर्माण किया है.
  • 20 जून और 25 जून, 2020 को विदेश मंत्रालय ने अपने बयानों में स्वीकार किया कि चीन ने मई-जून, 2020 में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है.
  • 17 और 18 जुलाई, 2020 के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के बाद 17 जुलाई, 2020 को भारत-चीन की परस्पर वार्ता पर ट्वीट किया और कहा कि, जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सैटेलाइट की तस्वीरों से ये बिलकुल साफ है कि चीन अब डेपसांग और दौलत बेग ओल्डी इलाके में निर्माण कार्य कर रहा है. चीन का लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार कब्जा बरकरार है. यही नहीं, चीन पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से पेट्रोलिंग पॉइंट-13 तक भारतीय क्षेत्र में बाधा पैदा कर रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि पैंगोंगत्सो झील वाले इलाके में अभी भी चीन ने फिंगर 8 से फिंगर 4 तक की पहाड़ियों पर भारतीय सीमा के भीतर लगभग 8 किलोमीटर तक कब्जा कर रखा है. उन्होंने बताया कि अभी भी वहां लगभग 3000 चीनी सैनिक मौजूद हैं. इसके विपरीत भारत के फिंगर 4 पर स्थिति आईटीबीपी के एडमिनिस्ट्रेटिव बेस से मोदी सरकार भारतीय सेना को पीछे हटा फिंगर 3 व 2 के बीच में ले आई है.

Source : News Nation Bureau

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