कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी नहीं आंदोलन है : सोनिया गांधी

पार्टी के 84वें महाधिवेशन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इस विषय पर समिति की बैठक हुई।

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Deepak Kumar
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कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी नहीं आंदोलन है : सोनिया गांधी

सोनिया गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजधानी के इंदिरा गांधी स्टेडियम में शनिवार से कांग्रेस महाधिवेशन की शुरुआत करते हुए किसानों और युवाओं को लेकर मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने संबोधन में कहा कि आज देश में ग़ुस्सा है, लोगों के बीच नफ़रत फैलाकर लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है। हमारी पार्टी लोगों को जोड़ने का काम करती है। मोदी सरकार को समझ नहीं आ रहा कि वो देश के युवाओं को कैसे रोज़गार देगी।

मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो देश को चला सकते हैं।

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम अपने सीनियर नेताओं को नहीं भूलते हैं। कांग्रेस युवा और वरिष्ठों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है। मनमोहन सिंह हमारी पार्टी के लिए लड़ते हैं, हम पीछे की बात नहीं भूलते।

वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन के दौरान शायराना अंदाज़ में बीजेपी औऱ आरएसएस पर हमला बोला है।

उन्होंने कहा, 'तीमिर (अंधेरा) को रोशनी कहते हुए अच्छा नहीं लगता, मुझे ग़म को ख़ुशी कहते हुए अच्छा नहीं लगता। लहू (ख़ून) इंसानियत को जो दिन रात पीते हैं आरएसएस-बीजेपी के लोग उनको इंसान कहते हुए अच्छा नहीं लगता।'

कर्नाटक चुनाव पर बोलते हुए खड़गे ने कहा, 'पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों के आशीर्वाद से हम कर्नाटक में एक बार फिर से अपनी सरकार बनाएंगे।जिस तरह से बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता दरवाजे-दरवाजे जाकर पार्टी के लिए प्रचार करती है उसी तर्ज पर आप सबको पार्टी की मदद करनी होगी।' 

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# कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी नहीं आंदोलन है : सोनिया गांधी

# राहुल गांधी को 2019 में देश का पीएम बनने से कोई नहीं रोक सकता: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया

# जो हमें चैलेंज करते हैं उनसे मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि अभी तो हमने उपचुनाव जीते हैं आगे-आगे देखिए राहुल गांधी के नेतृत्व में हम विधानसभा औऱ 2019 लोकसभा चुनाव भी जीतेंगे।- सचिन पायलट, कांग्रेस सांसद

# पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों के आशीर्वाद से हम कर्नाटक में एक बार फिर से अपनी सरकार बनाएंगे।जिस तरह से बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता दरवाजे-दरवाजे जाकर पार्टी के लिए प्रचार करती है उसी तर्ज पर आप सबको पार्टी की मदद करनी होगी- 12.10 PM

# तीमिर (अंधेरा) को रोशनी कहते हुए अच्छा नहीं लगता, मुझे ग़म को ख़ुशी कहते हुए अच्छा नहीं लगता। लहू (ख़ून) इंसानियत को जो दिन रात पीते हैं आरएसएस-बीजेपी के लोग उनको इंसान कहते हुए अच्छा नहीं लगता।- मल्लिकार्जुन खड़गे - 11.50 AM

# कार्यक्रम में अजय माकन ने कहा कि पिछले एक दशक में राहुल गांधी दलितों और पिछड़ों की आवाज़ बन गए हैं। माकन ने कहा कि देश की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करना अब राहुल गांधी के हाथ में है।- 10.32 AM

# कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अधिवेशन में पहुंचे, ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी।- 10.10 AM

राहुल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश को बंटने की कोशिश कर रहे हैं। वह लोगों के ग़ुस्से का इस्तेमाल कर एक दूसरे को लड़ा रहे हैं। बीजेपी और हम में एक बड़ा फर्क हैं वह देश चलाने के लिए गुस्से का इस्तेमाल कर रहे हैं और हम प्यार का। 

आगे उन्होंने रोज़गार के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा, 'देश थक रहा है, रास्ता ढूंढ रहा है, सिर्फ कांग्रेस का हाथ ही देश को जोड़ सकता है।'

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें ये बात समझ नहीं आती कि रोजगार कब मिलेगा, किसानों को उनके हक कब मिलेंगे?

राहुल ने कहा कि देश को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही रास्ता दिखा सकती है। कांग्रेस पार्टी में और विपक्ष में क्या फर्क है? एक फर्क है कि वह गुस्से का प्रयोग करते हैं, हम प्यार का और भाईचारे का प्रयोग करते हैं।

उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, ये देश हम सबका है, हर जात का है, हर धर्म का है। कांग्रेस पार्टी जो भी करेगी, वह सबके लिए करेगी। किसी को पीछे नहीं छोड़ेगी, धन्यवाद।

अधिवेशन से ठीक पहले राहुल ने अपना ट्विटर अकाउंट @OfficeOfRG से बदलकर @RahulGandhi कर लिया और ट्वीट कर सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।

कांग्रेस ने अधिवेशन शुरू होने से पहले मोदी सरकार के खिलाफ 5 बुकलेट जारी की है जो युवा, नौकरी, महिला, अल्पसंख्यक अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, मोदी सरकार की लूट, किसानों के मुद्दों पर आधारित है।

इससे पहले पार्टी के 84वें महाधिवेशन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इस विषय पर समिति की बैठक हुई।

इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, जनार्दन द्विवेदी और पार्टी के प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया।

शुक्रवार शाम हुई विषय समिति की बैठक में महाधिवेशन में पेश किए जाने चारों प्रस्तावों के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इन सभी प्रस्तावों के मसौदे पर चर्चा में संचालन समिति और प्रदेशों के 70 नेताओं ने हिस्सा लिया।

महाधिवेशन की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के साथ हुई। इसके बाद दोपहर में वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी भी महाधिवेशन को संबोधित करेंगी। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपना वक्तव्य देंगे।

दो दिन के गहन विचार-विमर्श सत्र में राजनीतिक स्थिति सहित दो प्रस्तावों को पहले दिन लिया जाएगा। अंतिम दिन दो प्रस्तावों पर विचार होगा जिनमें बेरोजगारी से संबंधित प्रस्ताव होगा। 

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कांग्रेस की कोशिश होगी कि आने वाले चुनाव में बीजेपी के ख़िलाफ़ ठोस रणनीति तय किया जाए। माना जा रहा है कि इस बार महाधिवेशन में नेताओं के बजाय कार्यकर्ताओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

इसमें राजनीतिक, आर्थिक, विदेश नीति और कृषि व रोजगार पर पेश किए जाने वाले प्रस्तावों पर युवा कार्यकर्ता अपनी बात रखेंगे।

महाधिवेशन का समापन भी कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण से होगा जिसमें वह आगामी चुनावों के लिए पार्टी की योजनाओं की दिशा तय करेंगे। 

कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी दलो का एक बड़ा मोर्चा बनाने का प्रयास करना चाहती है। यूपीए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रात्रि भोज में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है।

यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को ही मुलाकात की है। ऐसा माना जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त मोर्चे के लिए प्रयासों को मजबूती देने के लिए यह मुलाकात हुई है।

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Source : News Nation Bureau

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