कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC) में घमासान मचा हुआ है और कांग्रेस (Congress) दो फाड़ में नजर आ रही है. मीटिंग में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश करते हुए उस चिट्ठी का जवाब दिया, जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे. इसके बाद कांग्रेस समिति दो फाड़ में बंट गई. इस बैठक में एक तरफ लोग गांधी परिवार के समर्थन में दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है.
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सोनिया गांधी के सपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने चिट्ठी लिखने के कदम की आलोचना और नेतृत्व में बदलाव की मांग रखने वाले नेताओं के प्रति नाराजगी जाहिर की. इसके बाद राहुल गांधी ने लेटर की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बीजेपी के साथ मिलीभगत कर चिट्ठी लिखी गई है. राहुल के बाद प्रियंका गांधी ने भी गुलाम नबी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया.
बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कड़े तेवर में कहा- आखिर सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था? उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को पार्टी नेतृत्व के बारे में पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान CWC की बैठक है, मीडिया नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के साथ मिलीभगत करके यह पत्र लिखा गया है. राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुलाम नबी आजाद के रवैये को लेकर नाराजगी जाहिर की है.
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CWC की बैठक में गांधी परिवार की ओर से लगाए आरोप को लेकर गुलाम नबी आजाद उखड़ गए. इस दौरान उन्होंने कहा- अगर मिलीभगत साबित हो गई तो वे इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, जवाब देते समय गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया. वहीं, कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया गया है. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया. मणिपुर में कांग्रेस का बचाव किया. पिछले 30 वर्षों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया. हम फिर भी बीजेपी से मिले हुए हैं.
कपिल सिब्बल के ट्वीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतीक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह की (बीजेपी से साठगांठ) कोई बात नहीं कही है. इस तरह की गलत खबरों से भ्रमित न हों. हमें आपस में या कांग्रेस पार्टी से लड़ने की जगह निरंकुश मोदी सरकार से मिलकर लड़ना चाहिए.