कांग्रेस पार्टी को लगता है अभी अपना फुल टाइम का अध्यक्ष मिलने वाला नहीं है, क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई बार पार्टी के अध्यक्ष पद संभालने से इनकार कर चुके हैं. राहुल गांधी की तरफ से अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की तैयारी की गई, लेकिन चुनाव करीब तीन बार शीर्ष नेतृत्व की तरफ से टाल दिया गया. वहीं, अब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर कार्यकर्ताओं में संशय पैदा हो गया है. साथ ही पार्टी में शीर्ष नेतृत्व नहीं होने से एक शून्य पैदा हो गया है.
ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस शून्य को भरने के लिए नए प्लान पर विचार कर रही है. इसके अनुसार पार्टी में दो उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है. हालांकि, यह प्लान पर पिछले एक साल से सुर्खियों में चल रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव टलने पर इसको लेकर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है कि अभी फिलहाल, कांग्रेस पार्टी को फुल टाइम अध्यक्ष नहीं मिलने जा रहा है.
ऐसे में यह देखना होगा कि क्या होने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के फेरबदल में यह लागू होगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेता ने बताया कि पहले ही इस बात की जानकारी दी जा चुकी है कि प्रस्ताव में क्षेत्रीय जिम्मेदारियों के साथ उपाध्यक्षों को नियुक्त करने की कोशिश की गई है. इस बात की भी अटकले हैं कि यूपी के प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
उत्तर प्रदेश में 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं. बता दें कि कांग्रेस ने कोरोना महामारी की गंभीर हालात के मद्देनजर 23 जून को प्रस्तावित पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव को अस्थायी तौर पर टाल दिया था. इस तरह एक साल में तीसरी बार कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव टला चुका है. पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया था.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस पार्टी में दो उपाध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है
- प्रियंका गांधी वाड्रा को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभव
- पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन बार टाल चुकी है