कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को 20वीं शताब्दी की शुरुआत के सबसे प्रमुख औक लोकप्रिय लेखकों में से एक मुंशी प्रेमचंद के आलेख के एक अंश का उदाहरण देते हुए कहा कि सांप्रदायिकता हमेशा संस्कृति की दुहाई देती है।
प्रेमचंद को सम्मान देते हुए राहुल ने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा, 'सांप्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है उसे अपने असली रूप में निकलने में शायद लज्जा आती है, इसलिए वह उस गधे की भांति, जो सिंह की खाल ओढ़कर जंगल में जानवरों पर रौब जमाता फिरता था, संस्कृति का खोल ओढ़कर आती है।'
राहुल का संदर्भ प्रेमचंद द्वारा सांप्रदायिकता और संस्कृति पर एक संक्षिप्त आलेख का एक अंश था जिसे मूल रूप से वर्ष 1934 में लिखा गया था। इससे पहले आज ही राहुल गांधी ने डोकलाम मुद्दे को लेकर भी विदेश राज्य मंत्री सुषमा स्वराज पर हमला बोला था।
राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज पर ट्वीटर के जरिए डोकलाम (Doklam) मुद्दे को लेकर कहा कि विदेश मंत्री चीन की ताकत के सामने झुक गईं।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'आश्चर्य होता है कि सुषमा स्वराज जैसी महिला चीन की ताकत के सामने झुक गईं। एक नेता के प्रति पूर्ण समर्पण का मतलब यह साफ हो गया कि बॉर्डर पर तैनात हमारे बहादुर जवानों के साथ विश्वासघात किया गया है।'
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बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में गुरूवार को कहा था कि डोकलाम (Doklam) मुद्दा 'परिपक्व कूटनीति' के माध्यम से सुलझाया जा चुका है और इसके बाद से संबंधित क्षेत्र में हालत सामान्य बने हुए हैं।
सदन में उन्होंने कहा था कि डोकलाम (Doklam) अब कोई मुद्दा नहीं है। इसे पहले ही सुलझा लिया गया है। साथ ही सवालिया लहजे में कहा था कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि बार-बार इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau