नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच आठवें दौर की भी वार्ता बेनतीजा रही. हालांकि, इस बैठक को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समाधान निकलने की पूरी उम्मीद जताई थी. सरकार एक बार फिर 15 जनवरी को किसानों की मांगों को लेकर संगठनों के साथ बैठक करेगी. वहीं, नए कृषि कानून के मुद्दे पर शनिवार को कांग्रेस की बैठक होगी. इस बैठक में आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा होगी.
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शुक्रवार को बैठक बुलाई. इस बैठक में सभी महासचिव और प्रदेश प्रभारी शामिल होंगे. इस वर्चुअल मीटिंग में तीनों कृषि कानून और किसानों के आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नीयत साफ़ नहीं है जिनकी, तारीख़ पे तारीख़ देना स्ट्रैटेजी है उनकी!. आपको बता दें कि इससे पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए देश के अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है. आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं. अन्नदाताओं की आवाज़ उठाना और उनकी मांगों का समर्थन करना हम सब का कर्तव्य है.
गौरतलब है कि किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि शुक्रवार को किसान यूनियन के लोगों के साथ वार्ता हुई. बहुत देर तक चर्चा हुई और कोई विकल्प नहीं निकला. 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे किसानों के साथ एक बार फिर वार्ता होगी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार ये कहा है कि वैसा वैकल्पिक प्रस्ताव दें जिस पर विचार हो. आंदोलन के पक्षकार की मांग है कि कृषि कानून को निरस्त की जाए. दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कृषि कानून के समर्थन में हैं. वहीं, सरकार की तरफ से मीटिंग में किसानों को कहा गया कि आप इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं, लेकिन किसानों ने इसे मना कर दिया और कहा कि हम आंदोलन से ही अपना हक लेंगे.
Source : News Nation Bureau