Loksabha Election 2024: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी (Indian National Congress) एक बार फिर से सक्रिय होती नजर आ रही है. इसी कड़ी में पार्टी नीति और रणनीति तय करने के लिए सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आवास 10 जनपथ पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई. इस दौरान पार्टी के आला नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए मंथन किया. इस मौके पर कई समितियों के ओर से कई तरह के सुझाव भी आए. इन सबके बीच सोनिया गांधी ने पार्टी नेता को खूब खरी-खरी सुनाई. सोनिया ने सभी नेता को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए पार्टी फोरम से अलग बयानबाजी के परहेज करने की नसीहत दी. उन्होंने सभी नेताओं को साफ-साफ कहा कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, लेकिन वह पार्टी फोरम पर होना चाहिए, बाहर नहीं. सबको पार्टी के अनुशासन में रहना होगा.
पार्टी ने सब कुछ दिया, अब पार्टी का वर्ज चुकाने का वक्त है
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं को पार्टी की ओर से उन्हें दिए गए सम्मान और पद की याद दिलाई. सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, सबको मिलकर पार्टी को इस स्थिति से बाहर निकलना होगा. उन्होंने कहा कि अब तक पार्टी ने नेताओं को सब कुछ दिया है. अब वक्त आ चुका है कि उसका कर्ज चुकाया जाए. सोनिया ने कहा कि चिंतन शिविर सिर्फ शिविर नहीं है, बल्कि एक ऐसा फोरम है. जहां पर दृढ़निश्चय होकर पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए काम करना होगा. डिजिटल सदस्यता के मद्देनजर चिंतन शिविर में एक संशोधन किया जाएगा.
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पार्टी में बदलाव के मिले कई सुझाव
कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने और एक व्यक्ति को एक ही पद दिए जाने के फैसले को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू कर दी है. CWC की बैठक से ठीक ये आलाकमान को कई सुझाव दिए गए हैं. इनमें से कांग्रेस पार्टी में तमाम कमेटियों में 50 प्रतिशत स्थान एससी-एसटी और ओबीसी नेताओं को दिए जाने की मांग की गई है. वहीं, पार्टी नेताओं ने एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिए जाने की भी वकालत की है.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी की नेताओं को सबक
- पार्टी फोरम में करें आलोचना, बाहर की बयानबाजी से बचें
- पार्टी ने सब कुछ दिया अब पार्टी का कर्ज चुकाने वा वक्त