2019 लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) कांग्रेस (Congress) नीत विपक्ष के निशाने पर रही. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट समेत फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट और राष्ट्रपति की साफ-सफाई के बाद मामला ठंडा पड़ा. हालांकि अब ऐसा लगता है कि 2016-17 में हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है. फ्रांस (France) में दावा किया गया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट ने भारत में एक बिचौलिये को एक मिलियन यूरो ‘बतौर तोहफा’ दिए थे.
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फ्रांसीसी मीडिया के इस खुलासे के बाद फिर से राफेल सौदे को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. फ्रांस के मीडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 2016 में जब भारत-फ्रांस के बीच राफेल (Rafale) समझौता हुआ, तब दसॉल्ट ने भारत में एक बिचौलिये को ये राशि दी थी. साल 2017 में दसॉल्ट ग्रुप के अकाउंट से 5,08,925 यूरो ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ के तौर पर ट्रांसफर हुए थे.
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इस पूरे मामले में विपक्ष एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को राफेल मामले में घेरने की तैयारियों में जुट गया है. इसी सिलसिले में कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राफेल डील को लेकर सामने आए नए 'जिन्न' पर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई.
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सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''आज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर विषय के मुद्दे पर आपके सामने हैं. 60 हजार करोड़ रुपए के राफेल से जुड़े रक्षा सौदे से जुड़े मामले में सच्चाई सामने आ गई है. ये हम नहीं फ्रांस की एक एजेंसी ने खुलासा किया है. कमीशनखोरी और बिचौलिए की एक गाथा आपके सामने है. 60000 करोड़ रुपए के राफेल खरीदने की घोषणा की गई ना कोई टेंडर ना कोई सूचना जैसे केले और सेब खरीदते हैं वैसे बात की गई.''
HIGHLIGHTS
- राफेल डील पर फ्रांसीसी मीडियो का सनसनीखेज खुलासा
- 5,08,925 यूरो ‘गिफ्ट टू क्लाइंट्स’ के तौर पर ट्रांसफर करने का दावा
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर बोला हमला