Advertisment

INC: भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के एक बार फिर अध्यक्ष बनाए गए सैम पित्रोदा, जानें पहले क्यों दिया था इस्तीफा?

कांग्रेस ने एक बार फिर सैम पित्रोदा को भारतीय ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है. नस्लवादी टिप्पणी के कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था.

author-image
Publive Team
एडिट
New Update
Sam Pitroda

Sam Pitroda( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

कांग्रेस ने बुधवार को सैम पित्रोदा को एक बार फिर भारतीय ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने इसकी आधिकारिक घोषणा की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सैम पित्रोदा को एक बार फिर तत्काल प्रभाव से भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है. बता दें, लोकसभा चुनाव के दौरान आठ मई को पित्रोदा ने पद से इस्तीफा दे दिया था. नस्लवादी टिप्पणी के कारण उनकी आलोचना की गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था.

इस बयान के चलते दिया था इस्तीफा
चुनाव के दौरान, पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में विवादित बयान दे दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत ऐसा विविधतापूर्ण देश रहा है, जहां पर पूरब के लोग चीनी जैसे दिखाई देते हैं.  पश्चिम के लोग अरब के लोगों की तरह दिखते हैं. उन्होंने उत्तर के लोगों को गोरे और दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकन जैसा बताया था. उन्होंने कहा था कि इस तरह से विविध भारत की पहचान हमारे सामने है. हर कोई इस पर विश्वास करता है. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह अंतर कोई मायने नहीं रखता है. यहां हम  सभी भाई बहन की तरह हैं, हम सभी की भाषा और संस्कृति का सम्मान करते हैं.  उस वक्त यह बयान कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन गया था. 

सैम पित्रोदा ने जब इस्तीफा दिया था तो कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा था कि सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

कौन है सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है. वह मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं. उनका जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में एक गुजराती बढ़ई परिवार में हुआ था. पित्रोदा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के वल्लभ विधिनगर से की. इसके अलावा उन्होंने वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर डिग्री ली. इसके बाद वह साल 1964 में अमेरिका चले गए. वहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की. वह 1965 में एक टेलिकम कंपनी के साथ काम किया. साल 1981 में भारत लौट आए. माना जाता है कि भारत आकर उन्होंने देश की दूरसंचार व्यवस्था को बेहतर और आधुनिक बनाने के बारे में सोचा. उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है.

Source : News Nation Bureau

congress Sam Pitroda Indian Overseas Congress President Indian Overseas Congress
Advertisment
Advertisment