भाजपा (BJP) द्वारा वीर सावरकर (Veer Sawarkar) को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की मांग करने के बाद कांग्रेस (Congress) ने भगत सिंह (Bhagat Singh), सुखदेव (Sukhdev) और राजगुरु (Rajguru) को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने की मांग कर दी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हाल ही में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) के घोषणापत्र (Manifesto) में सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग का जिक्र किया गया. इसके बाद से ही हिंदुत्व आइकन रहे दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर (Veer Damodar Sawarkar) को भारत रत्न देने की बहस छिड़ गई है. इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दल अलग-अलग खेमों में बंटे नजर आए. यही नहीं, बल्कि कांग्रेस (Congress) भी इस मुद्दे पर विभाजित नजर आई. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को मरणोपरांत भारत रत्न देने की अपील की.
यह भी पढ़ें : कश्मीर ब्लैक डे के नाम पर पाकिस्तानी सेना ने GHQ में जमकर की अय्याशियां, क्या यही है इमरान खान का मिशन कश्मीर
एक ट्वीट में तिवारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ हवाई अड्डे को भगत सिंह की याद में समर्पित करने की बात कही. उन्होंने तीनों शहीदों को 'शहीद-ए-आजम' के सम्मान से सम्मानित करने की भी मांग की.
अपने पत्र में तिवारी ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 23 मार्च 1931 को अपने सर्वोच्च बलिदान के साथ निर्दयी ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रतिरोध के साथ देशभक्तों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, "26 जनवरी 2020 को इन तीनों शहीदों को भारत रत्न दिया जाए."
यह भी पढ़ें : मुश्किल में जान : तमिलनाडु में बोरवेल में फंसे दो साल के बच्चे की मौत
उन्होंने कहा कि यह कदम 124 करोड़ भारतीयों के दिल और आत्मा को छू जाएगा. दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सावरकर को एक राष्ट्रवादी बताया है. एक ट्वीट में राज्यसभा सांसद ने कहा था, "वह एक कुशल व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक भूमिका निभाई, दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए."
यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "कांग्रेस सावरकर के खिलाफ नहीं है, वह केवल उनकी हिंदुत्व विचारधारा का विरोध करती है." कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सावरकर को भारत रत्न देना भाजपा सरकार की अपनी विचारधारा को अधिक वैधता प्रदान करने के लिए एक बड़ी योजना होगी, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में तिवारी ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के लिए भारत रत्न की मांग की, जिनकी देश के लिए कुबार्नी निर्विवाद है. इस तरह से कांग्रेस ने भाजपा के रास्ते में एक बड़ी बाधा ला दी है.
यह भी पढ़ें : यूरोपीय यूनियन के दौरे से पहले कश्मीर में आतंकवादियों का तांडव, एक और ट्रक ड्राइवर की गोली मार की हत्या
भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र चुनाव के दौरान कई मौकों पर सावरकर की बहस को चिंगारी देने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उनके लिए भारत रत्न की मांग नहीं की. देश में अपने मौजूदा व्यापक राजनीतिक वर्चस्व के कारण अब इस वादे को संघ परिवार के नए विश्वास की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है.
कांग्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि भाजपा के लिए सावरकर को भारत रत्न देने का रास्ता आसान नहीं होगा, क्योंकि उन्हें हमेशा एक विवादास्पद व्यक्ति के रूप में माना जाता रहा है. सावरकर का जन्म 23 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास भागुर गांव में मराठी चितपावन ब्राह्मण हिंदू परिवार में हुआ था.
HIGHLIGHTS
- वीर सावरकर को भारत रत्न देना बीजेपी के लिए नहीं होगा आसान
- अकसर विवादों से जोड़ा जाता रहा है विनायक दामोदर सावरकर को
- भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग कर कांग्रेस ने मारा नहले पर दहला
Source : IANS