29 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र (Budgest Session) के दौरान विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे. विपक्षी पार्टियों ने कहा कि जिस तरह से बीते सत्र में तीन कृषि कानूनों को पारित किया गया, उसके विरोध में हम विरोध करेंगे. राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों में कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआईएमएल, सीपीआई,आईयूएमएल, आरएसपी,पीडीपी, MDMK , केरल कांग्रेस, AIUDF एनसीपी, जेकेएनसी, डीएमके, एआईटीसी और शिवसेना, शामिल हैं.
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राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्य और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस कहा 'हम 16 राजनीतिक दलों की ओर से एक बयान जारी कर रहे हैं कि कल संसद में दिया जाने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे. इस फैसले के पीछे प्रमुख वजह यह है कि कृषि कानूनों को विपक्ष के बिना सदन में जबर्दस्ती पास किया गया.
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बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा, कांग्रेस और 15 अन्य पार्टियों ने मिलकर यह फैसला किया है कि वो राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकाट करेंगी. साथ ही हम किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं. वहीं एक संयुक्त बयान जारी करते हुए विपक्षी दलों ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार का रवैया बहुत ही अलोकतांत्रिक है.
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सरकार घमंड से भरी हुई है. सरकार असंवेदनशील व्यवहार कर रही है. सभी विपक्षी दल किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं और सरकार से तीनों कानून निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. 29 जनवरी को होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी हम बहिष्कार कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau