कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद का आंतरिक चुनाव एक बार फिर टाल दिया गया है. इस तरह कांग्रेस (Congress) के पूर्णकालिक अध्यक्ष की 'ताजपोशी' की राह देख रहे कांग्रेसियों को फिलहाल कुछ और इंतजार करना पड़ेगा. पार्टी की शीर्ष ईकाई कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को हुई बैठक में इस बाबत निर्णय होने के बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कम से कम अगले तीन माह तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी. गौरतलब है कि सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में ही जून तक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की बात कही गई थी. इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद यह भी तय हो गया है कि कांग्रेस का असंतुष्ट धड़ा जी-23 फिर से सक्रिय हो जाएगा.
तीन खेमों में बंटी कांग्रेस
गौरतलब है कि सोनिया गांधी अपने स्वास्थ्य को लेकर कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी राहुल गांधी को हस्तांतरित करना चाहती हैं. यह अलग बात है कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी इस पद के लिए अपनी अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं. इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद मुखर हुए असंतुष्ट धड़े जी-23 ने संगठनात्मक बदलाव के लिए दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. इस लिहाज से देखें तो कांग्रेस इस वक्त तीन खेमों में बंटी नजर आ रही है. एक खेमा सोनिया गांधी का है, दूसरा राहुल गांधी का है और तीसरा असंतुष्ट कांग्रेसी धड़े का.
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अशोक गहलोत ने रखा चुनाव टालने का प्रस्ताव
खैर सोमवार को कांग्रेस चुनाव समिति के मधुसूदन मिस्त्री ने जून के अंत तक पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की बात कही थी. बाद में बताते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबसे पहले आंतरिक चुनाव टाले जाने का प्रस्ताव दिया. उनके सुर में सुर मिलाते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते आवागमन बाधित है. साथ ही एक ही स्थान पर एक साथ लोगों के एकत्र होने की संख्या भी निर्धारित है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को दो से तीन माह तक टालना ही उचित होगा.
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जी-23 की चुप्पी रहस्यमयी
जाहिर है कांग्रेस की परंपरा के अनुरूप पार्टी अध्यक्ष चुनाव टाले जाने के इन प्रस्तावों का किसी ने भी विरोध नहीं किया. असंतुष्ट धड़े जी-23 ने भी इस बाबत कुछ नहीं कहा.यह तब है जब इसी समूह ने बीते साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी की कार्यशैली में बदलाव समेत संगठनात्मक बदलाव की पुरजोर वकालत की थी. गौरतलब है कि सोनिया गांधी 2019 से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. वह चाहती हैं कि राहुल गांधी यह पद संभालें, लेकिन उनकी इस इच्छा के फिलहाल पूरा होने के आसार कम से कम तीन माह के लिए तो टल ही गए हैं.
HIGHLIGHTS
- एक साल में तीसरी बार टला कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव
- इस बार कोरोना वायरस संक्रमण को बनाया गया आधार
- सोनिया गांधी कम से कम तीन माह रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष