कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन की तुलना में भारत की आर्थिक तरक्की को धीमी बताते हुए चिंता ज़ाहिर की है। अमेरिका के न्यूजर्सी में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें रखी।
बेरोजगारी को राहुल गांधी ने आर्थिक विकास के लिए बड़ी चुनौती बताया है। उन्होंने कहा, 'मुद्दा यह है कि भारत सरकार लोगों को नौकरी कैसे देगी। अगर आप एक मॉर्डन देश नौकरी देने में सक्षम नहीं है तो उन्हें एक लक्ष्य देना तो और मुश्किल है।'
बेरोजगारी पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के साथ ही बीजेपी सरकार को भी विफल बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार नौकरी के मौके उपलब्ध कराने में नाकाम रही थी जिसकी वजह से लोगों ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का हाथ पकड़ा था। अब यही लोग बीजेपी के प्रति भी रोष प्रकट करेंगे।
बेरोजगारी पर अपनी चिंताए जाहिर करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'रोज़ाना 30 हज़ार लोग जॉब मार्केट में आते हैं और सिर्फ 450 नौकरियां ही दी जाती है।' राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राजनीति में बहुत काम किया है लेकिन बहुत काम किया जाना बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से छोटे कारोबारियों को फायदा होना चाहिए न कि इसका उद्देश्य बड़े कारोबारी संगठनों को फायदा पहुंचाने का होना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, 'हमें चीन के साथ प्रतिद्विंदता में आगे बढ़ना है और हम उस हिसाब से उतना अच्छा नहीं कर रहे हैं। चीन का लक्ष्य बेहद साथ है क्या भारत का भी उतना ही है।'
मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, 'क्या ऐसी दूरदर्शिता दिखती है। दोनों देशों के बीच किस तरह के आपसी संबंध है। यह हमाले मूलभूत सवाल है।'
इसके अलावा राहुल गांधी ने भारत की ध्रुवीकरण की राजनीति को भी चुनौती बताया है।
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Source : News Nation Bureau