जम्मू में गुलाम नबी (Ghulam Nabi Azad) आजाद के 'एकजुटता प्रदर्शन' के बाद कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं (जी-23) और गांधी परिवार (सोनिया गांधी-राहुल गांधी) के बीच की दरार गहरी होती जा रही है. कांग्रेस (Congress) से खफा चल रहे जी-23 (G23) नेता और कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह अब खुलकर सड़कों पर आ गई है. आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कांग्रेस नेता जम्मू में सड़कों पर उतर आए और उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके पुतले को आग के हवाले कर दिया. इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ता आज़ाद के खिलाफ गुस्से में नज़र आए और जमकर नारेबाजी की.
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जम्मू-कश्मीर के पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि आज़ाद लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के कसीदे पड़ रहे हैं, जबकि उन्हीं के कारण जम्मू कश्मीर से 370 भी गया और लोगों का विकास भी रुक गया. ऐसे में पार्टी उनकी इस गुस्ताखी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी.
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों जम्मू में गुलाम नबी आजाद के 'शांति सम्मेलन' के दौरान कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी आलाकमान पर निशाना साधा था. इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा था, 'गांधी जी आज नहीं है, लेकिन उनकी सोच , विचारधारा और उनके विचार आज भी हमारे साथ और मैं आज भी उनकी विचारधारा पर चल रहा हूं.' उन्होंने कहा था, 'मेरे सामने कोई धर्म, कोई जाति और कोई उच्च नीच का सवाल पैदा नहीं होता. सीएम या मंत्री बना तो एक ही बात की थी, अपने अधिकारियों को कहा था कि किसी से भी कोई इस बुनियाद पर भेदभाव करें.'
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गुलाम नबी आजाद के इस बयान को राहुल गांधी के 'उत्तर-दक्षिण' वाले बयान से जोड़कर देखा गया. राहुल गांधी खुद इस बयान के बाद विरोधियों के निशाने पर आ गए थे. बाद में उन्हीं की ही पार्टी के कुछ नेताओं ने भी दबे शब्दों में बिना नाम लिए इस पर आपत्ति जताई थी. आजाद के बयान को भी इसी का जवाब माना गया था. आजाद के अलावा कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा समेत कई और नेताओं ने भी इस सम्मेलन में कांग्रेस पर ही सवाल खड़े किए थे.
Source : News Nation Bureau