हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मन मुताबिक परिणाम न आने से निराश बीजेपी के लिए बड़ी खबर आई है. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में बनाए गए नेहरू मेमोरियल से कांग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. अब नेहरू मेमोरियल कांग्रेस मुक्त हो गया है, क्योंकि अब इसमें किसी भी कांग्रेस को जगह नहीं मिली है. दूसरी ओर, नेहरू मेमोरियल में गृह मंत्री अमित शाह की एंट्री हुई है. बीजेपी नेता अनिर्बन गांगुली, गीतकार प्रसून जोशी और पत्रकार रजत शर्मा को भी मेमोरियल सोसाइटी में जगह मिली है. पीएम नरेंद्र मोदी नेहरू मेमोरियल के अध्यक्ष हैं.
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हाल ही में सांस्कृतिक मंत्रालय ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी का पुनर्गठन किया है. पुनर्गठन करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्ण सिंह और जयराम रमेश को बाहर कर दिया गया है. सोसायटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह हैं, जबकि गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सदस्य हैं.
एक दिन पहले यानी 5 नवंबर को ही संस्कृति मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना जारी किया था. बताया जा रहा है कि नेहरू मेमोरियल से कांग्रेस नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद इस पर राजनीति तेज हो सकती है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेहरू मेमोरियल और म्यूजियम लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपाध्यक्ष हैं. प्रकाश जावड़ेकर, निर्मला सीतारमण सदस्य हैं. बीजेपी नेहरू और उनकी विरासत पर वर्षों से सवाल उठाती रही है, बल्कि इसे लेकर हमलावर भी रहती थी.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी देश को भले ही कांग्रेस मुक्त न कर पाई हो लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत से बीजेपी ने कांग्रेस को मुक्त कर ही दिया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो