व्यविचार को IPC की धारा 497 पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस धारा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने संकेत दिए कि अब इस मामले को सात जजों के पीछ के पास भेजा जा सकता है।
फिलहाल इस मामले की सुनवाई दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच कर रही है।
क्या है धारा 497?
धारा 497 के मुताबिक, अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी शादीशुदा महिला से शारीरिक संबंध बनाता है, तो इसमें सिर्फ उस मर्द को ही सजा होगी। इस मामले में शादीशुदा महिला पर किसी तरह के आरोप नहीं लगेंगे। इस मामले में पुरुष के लिए पांच साल की सजा का प्रावधान है।
इटली में रहने वाले केरल मूल के एक सामाजिक कार्यकर्ता जोसेफ साइन ने धारा 497 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
जिसमें कहा गया है कि अगर शादीशुदा पुरुष और शादीशुदा महिला की आपसी सहमति से संबंध बने, तो सिर्फ पुरुष आरोपी कैसे हुआ? याचिका में कहा गया है कि 150 साल पुराना ये कानून मौजूदा दौर में बेमानी है।
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Source : News Nation Bureau