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अवमानना मामले में प्रशांत भूषण के खिलाफ 24 तक टली सुनवाई

प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के खिलाफ 2009 के अवमानना केस में सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए टल गई है. इस मामले में पेश हुए राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भूषण के दो ट्वीट्स के चलते उन्हें अवमानना के लिए दोषी ठहराए जाने के 14 अगस्त के फैसले में संतुलन का अभाव है. हम इसके खिलाफ पुर्नविचार अर्जी दायर करेंगे.

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Kuldeep Singh
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के खिलाफ 2009 के अवमानना केस में सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए टल गई है. इस मामले में पेश हुए राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भूषण के दो ट्वीट्स के चलते उन्हें अवमानना के लिए दोषी ठहराए जाने के 14 अगस्त के फैसले में संतुलन का अभाव है. हम इसके खिलाफ पुर्नविचार अर्जी दायर करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विचार के लिए सवाल तय किये हैं. पहला जजों के खिलाफ करप्शन के आरोप को लेकर किन परिस्थितियों में सार्वजनिक बयानबाजी होती है और दूसरा सेवारत और रिटायर्ड जजों के खिलाफ आरोप सार्वजनिक करने के लिए क्या प्रकिया अपनाई जाए. 

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गौरतलब है कि 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ 11 साल पुराने अवमानना के एक मामले में उनका स्पष्टीकरण नामंजूर कर दिया. 2009 में एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत भूषण ने 16 में से आधे पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को भ्रष्ट कहा था. कोर्ट द्वारा जवाब तलब करने के बाद अपनी सफाई में उन्होंने कहा था कि मेरा मतलब आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि जजों द्वारा कर्तव्य को पूरी तरह न निभाना था. कोर्ट इस मामले की 17 अगस्त से विस्तृत सुनवाई कर रहा है.

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प्रशांत भूषण पर कोर्ट का अवमानना का एक और मामला चल रहा है. इस मामले में उन्होंने वर्तमान सीजेआई के खिलाफ ही ट्विटर पर पोस्ट किए थे. इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. प्रशांत भूषण ने इसे स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया है. प्रशांत भूषण ने कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट की धारा 2 (सी) (आई) को चुनौती दी है. उनके साथ वरिष्ठ पत्रकार एन राम और अरुण शौरी भी याचिकाकर्ता है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दोषी ठहराया है. इस मामले में 20 अगस्त को सजा पर बहस की जाएगी.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट contempt of court Prashant Bhushan
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