सुप्रीम कोर्ट आज अवमानना मामले (Contempt of Court Case) में दोषी करार वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की सजा पर सुनवाई करेगा. इससे पहले सोमवार को प्रशांत भूषण ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक दो ट्वीट के लिये माफी मांगने से इनकार कर दिया था. प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में कहा कि उन्होंने अपने उन विचारों को व्यक्त किया है जिन पर वह हमेशा विश्वास करते हैं.
यह भी पढ़ेंः फिर किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा पाकिस्तान, हाई अलर्ट पर खूफिया एजेंसी
भूषण का माफी मांगने से इनकार
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को माफी मांगने के लिए दो दिन की मोहलत दी थी. प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर माफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने रचनात्मक तरीके से सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी. इसका मकसद कोर्ट को बदनाम करने का नहीं था. उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीट इस सदाशयता के विश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें मैं हमेशा अपनाता हूं. इन आस्थाओं के बारे में सार्वजनिक अभिव्यक्ति एक नागरिक के रूप में उच्च दायित्वों और इस न्यायालय के वफादार अधिकारी के अनुरूप है. इसलिए इन विचारों की अभिव्यक्ति के लिये सशर्त या बिना शर्त क्षमा याचना करना पाखंड होगा.
यह भी पढ़ेंः शिवसेना की सरकार से मांग, चेतन चौहान की मौत की हो CBI जांच
छह महीने तक की हो सकती है सजा
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में दोषी ठहराया था. न्यायालय ने कहा था कि इन ट्वीट को जनहित में न्यायपालिका की कार्यशैली की स्वस्थ आलोचना के लिये किया गया नहीं कहा जा सकता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण को छह महीने तक की कैद या दो हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों की सजा दे सकता है.
Source : News Nation Bureau