रेलवे में कर्मचारियों की कमी को तत्काल दूर करने के लिए कुछ श्रेणियों की रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध पर नियुक्ति की जाएगी। रेलवे ने भर्ती बोर्ड को दरकिनार करते हुए अनुबंध पर नियुक्तियों के दरवाजे खोल दिए हैं। यह कदम रेलवे बोर्ड के माध्यम से भर्ती में होने वाले देर होने के कारण उठाया गया है।
इसके अलावा रेलवे ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवा लेने का भी फैसला लिया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी भाप ईंजन, पुराने कोच और सिग्नल जैसे रेलवे की विरासत को संभालेंगे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'सेवानिवृत कर्मचारी कुशलतापूर्वक भाप ईंजन, संकेत पद्धति वाले सिग्नल और भाप चालित उपकरणों को संभालने में कुशल हैं। इसलिए अनुबंध पर उनकी नियुक्ति की जा सकती है।'
रेलवे की विरासत को संभालने में कुशल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति की शक्ति जोन के प्रमुख के पास होगी।
दफ्तरों में आशुलिपिकों और सहायकों की कमी से कार्य प्रभावित होने की समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ने डाटा एंट्री ऑपरेटर या एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट की मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की अनुमति प्रदान की है।
अधिकारी ने बताया कि जोन के प्रमुखों को मौजूदा रिक्तियों के लिए आवश्यक व्यक्तियों की संख्या तय करने के लिए अधिकृत किया गया है। वे संबंधित विभागों से परामर्श के आधार पर यह काम पूरा करेंगे। अनुबंध पर नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों का पारिश्रमिक सामान्य कार्य अनुसूची के समान होगा।
रेलवे की कार्य प्रणाली में सुधार के मद्देनजर सिलसिलेवार कदम उठाने पर सक्रियतापूर्वक विचार किया जा रहा है जिसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं।
सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्रसीमा 65 साल है। इससे पहले रेलवे ने मानवरहित फाटकों पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला लिया था।
Source : IANS