Nupur Sharma : पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में भाजपा की पूर्व नेता व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली. नूपुर की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने शर्मा की विवादित टिप्पणी के मामले में गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने जिन राज्यों में नूपुर के खिलाफ केस दर्ज है, सभी दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब करने पर राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा उनकी संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगाने और पूरे भारत में उनके खिलाफ दर्ज नौ मामलों को क्लब करने की याचिका पर सोमवार को सुनवाई शुरू की. इस दौरान नूपुर शर्मा की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनकी जान को गंभीर खतरा है. इसके बाद कोर्ट ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 10 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी. बेंच ने अपने नूपुर शर्मा को राहत देने वाले आदेश को सुनाते हुए याचिकाकर्ता की हत्या के लिए उकसाने वाले सलमान चिश्ती के वायरल बयान का भी संज्ञान लिया. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यूपी के एक व्यक्ति ने याचिकाकर्ता का सिर काटने की धमकी भी दी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को राहत देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
नूपुर के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज है 9 एफआईआर
गौरतलब है कि 9 अलग-अलग राज्यों में नूपुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं. कोलकाता पुलिस ने नूपुर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है. लिहाजा नूपुर ने अपने खिलाफ दर्ज सभी केसों की सुनवाई दिल्ली में हस्तांतरित करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसे मौजूदा हालात में जरूर समझते हुए कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.इसके साथ ही बेंच ने सभी केसों को साथ मिलाने पर संबंधित राज्यों से उनका जवाब मांगा है.
पहले कोर्ट ने लगाई थी कड़ी फटकार
गौरतलब है कि इससे पहले 1 जुलाई को भी नूपुर शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने और केस ट्रांसफर की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. तब सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने नूपुर शर्मा के खिलाफ कड़े शब्दों में उनकी आलोचना की थी. कोर्ट ने उन्हें किसी तरह का राहत देने से इनकार करते हुए पैगम्बर मुहम्मद के खिलाफ देश और विदेशों में बने हालात के उन्हें जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद मिल रही धमकियों के ताजा मामलों को पेश करते हुए उन्होंने एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में राहत की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की.
Source : News Nation Bureau