15वें फाइनेंस कमीशन के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को लेकर उठ रहे विवाद को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गैरज़रूरी करार दिया है।
वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया तब आई है जब दक्षिण भारत के कुछ राज्य जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, पुदुचेरी ने टीओआर को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज की हैं।
फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, '15वें फाइनेंस कमीशन के टीओआर को लेकर एक गैरज़रूरी विवाद खड़ा किया जा रहा है कि वो देश के किसी एक क्षेत्र के खिलाफ है। ये सच से परे है।'
उन्होंने कहा है कि फाइनेंस कमीशन राज्यों की सही ज़रूरत को लेकर मूल्यांकन करने के लिये समुचित प्रक्रिया अपनाता है, ताकि वो अपने वित्तीय घाटे को पूरा कर सकें।
उन्होंने कहा, 'केंद्रीय करों का राज्यों को होने वाला आवंटन फाइनेंस कमीशन के प्रस्तावों के आधार पर होता है ताकि राज्य अपने नागरिकों को न्यूनतम सेवा उपलब्ध करा सकें। इसके लिये उनका उचित मूल्यांकन किया जाता है। कमीशन उचित प्रणाली के तहत मूल्यांकन करता है।'
उन्होंने कहा, 'दूसरा मापदंड ये है कि जिसमें राज्य के लोगों में सापेक्ष निर्धनता को भी ध्यान में रखा जाता है और उसी के आधार पर गुणात्मक जरूरतों का मूल्यांकन किया जाता है। इन दो मापदंडों के आधार पर संसाधनों को अधिक जनसंख्या वाले और गरीब राज्यों को आवंटित किया जाता है। जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों को दूसरी सेवाओं के लिये अतिरिक्त फंड दिया जाता है।'
टीओआर को लेकर केरल ने बैठक बुलाई थी जिसमें कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी के अधिकारी थे। इन राज्यों के वित्तमंत्रियों की बैठक में 15वें फाइनांस कमीशन के टीओआर को लेकर चिंता जताई थी।
दक्षिण के राज्य 1971 की जनगणना के आधार पर प्रस्ताव चाहते हैं।
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Source : News Nation Bureau