उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा पकड़े गए धर्मातंरण के आराेपित दिल्ली निवासी जहांगीर आलम और मोहम्मद उमर की गिरफ्तारी डासना देवी मंदिर मामला में पकड़े गए विपुल विजयवर्गीय, कासिफ और सलीमुद्दीन से मिली जानकारी के बाद ही हो पाई है. इस मामला एजेंसियां ने जब आरोपितों का नेटवर्क खंगाला था तो दिल्ली निवासी दोनों के नाम प्रकाश में आए थे. इसके बाद इन दोनों से गोपनीय रूप से पूछताछ हो रही थी. इनसे मिली सनसनीखेज जानकारी के बाद एटीएस ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया. हालांकि माना जा रहा है कि मतांतरण का यह नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है. अभी इस मामला में कई गिरफ्तारी और भी हो सकती हैं.
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ये है डासना देवी मंदिर मामला
बीते दो जून की रात करीब साढ़े आठ बजे दो संदिग्ध डासना देवी मंदिर में घुसे थे. गेट पर दोनों ने अपने नाम नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता लिखवाए थे. बाद में काशी गुप्ता नाम का युवक संजयनगर निवासी कासिफ निकला. पूछताछ में पता चला कि विपुल कासिफ का जीजा है.
डेढ़ साल पहले ही विपुल ने उसकी बहन आयशा से शादी की थी. आरोपियों के बैग से सर्जिकल ब्लेड, वैक्यूम थेरेपी में काम आने वाली मशीन, धार्मिक पुस्तकें व ग्रंथ बरामद हुए थे. विपुल ने बताया था कि वह शास्त्रार्थ करने के लिए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आया था. वहीं, महंत ने हत्या के लिए आने का आरोप लगाया था. नागपुर के रहने वाले विपुल विजयवर्गीय का मुंबई निवासी मोलाना मुंजीर ने सलीमुद्दीन से संपर्क कराया था.
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इसके बाद विपुल गाजियाबाद आया तो सलीमुद्दीन ने अपने यहां रहकर उसे यूनानी पद्धति से पैरामेडिकल की पढ़ाई कराई. इसके बाद सलीमुद्दीन ने विपुल का मतांतरण करा रमजान नामकरण कर उसका निकाह अपने दोस्त की बेटी यानि कासिफ की बहन आयशा से कराया. इसके बदले विपुल का नागपुर में छोटा क्लीनिक खुलवाया गया और उसे पैरों पर खड़ा किया गया.
HIGHLIGHTS
- विपुल विजयवर्गीय ने धर्मनन्तरण के बाद अपना नाम रमजान रखा है
- गाज़ियाबाद के संजय नगर में रहने वाले कासिफ की बहन से निकाह किया है
- विपुल और कासिफ ही सबसे पहले पकड़े गए थे डासना के मंदिर में घुसते हुए