देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी श्रीहरन को तमिलनाडु सरकार ने एक महीने की पैरोल दी है. प्रदेश सरकार ने गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट को इसकी जानकारी दी. तमिलनाडु सरकार ने नलिनी श्रीहरन की बीमार मां की याचिका पर एक महीने की पैरोल देने का फैसला किया है. नलिनी करीब दो दशकों से ज्यादा वक्त से जेल में सजा काट रही है. सरकार के इस फैसले से नलिनी को बड़ी राहत मिली है.
Tamil Nadu: Nalini Sriharan, one of the convicts in Rajiv Gandhi assassination case, was granted a month’s parole by the State Govt at the request of her ailing mother, the Govt told Madras High Court on Thursday
— ANI (@ANI) December 24, 2021
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तमिलनाडु सरकार ने बीते साल फरवरी महीने में मद्रास हाई कोर्ट को सूचित किया था कि राज्य सरकार ने राज्यपाल को राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी. नलिनी के अलावा मामले में दोषी ठहराए गए बाकी लोगों में उनके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं. इनमें से चार दोषी श्रीहरन, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के नागरिक हैं.
साल 2019 में भी मिली थी पैरोल
नलिनी श्रीहरन के वकील राधाकृष्णन ने कहा है कि जमानत औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आज शुक्रवार को वह पैरोल पर रिहा हो जाएंगी. अब वह अपनी बीमार मां पद्मा को देखने जा सकेगी. अब नलिनी वैल्लोर के सातुवाचेरी में कड़ी पुलिस अभिरक्षा में अपनी मां के साथ एक किराए के मकान में रहेगी. बहन कल्याणी और भाई बाकियानाथन भी उनके साथ रह सकेगा. इसी तरह का पैरोल नलिनी को साल 2019 में भी दिया गया था.
आत्मघाती हमलावर ने की पूर्व पीएम की हत्या
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. बाद में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया. चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान आतंकी संगठन एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
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नलिनी श्रीहरन ने दी थी खुदकुशी की धमकी
इससे पहले नलिनी श्रीहरन ने पिछले साल अपने एक साथी कैदी के साथ कथित रूप से खुद को मारने की धमकी दी थी. जेल की रिपोर्ट में कहा गया था कि नलिनी श्रीहरन और एक अन्य दोषी को वेल्लोर में महिलाओं के स्पेशल सेल में रखा गया है.आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी ने जेलर से इस बारे में शिकायत की थी.
HIGHLIGHTS
- राज्यपाल से हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की गई थी
- नलिनी श्रीहरन की बीमार मां की याचिका पर एक महीने की पैरोल देने का फैसला
- टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी