देश में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) और सुरक्षाकर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के साथ कोविड-19 (Covid-19) के रोगियों की कुल संख्या 50 हजार को पार कर गयी है, वहीं पश्चिम बंगाल, गुजरात तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में संक्रमण से मौत के मामले बड़ी संख्या में आने से अधिकारी चिंतित हैं. केरल से अच्छी खबर आई जहां बुधवार को संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, वहीं महाराष्ट्र में एक दिन में 1200 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से लोगों पर अर्थव्यवस्था का प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है. इस बीच कई राज्यों ने शराब की बिक्री पर भारी-भरकम कर की घोषणा की है.
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देश के विभिन्न हिस्सों से उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन रहने तक कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों तथा विक्रेताओं की आवाजाही को लेकर अपने प्रतिष्ठान खोलने के संबंध में थोड़ी चिंता है. सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण को 17 मई तक बढ़ाने की घोषणा करते हुए औद्योगिक तथा कृषि संबंधी गतिविधियों को पुन: शुरू करने के मकसद से कई रियायतों की घोषणा की थी, लेकिन धरातल पर ज्यादा फर्क नहीं दिखाई दे रहा, जहां कुछ ही कंपनियों ने सीमित तरीके से कामकाज बहाल किया है जिनमें विनिर्माण क्षेत्र की ज्यादा हैं.
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बुधवार को कहा कि वह अपने हरियाणा के मानेसर स्थित संयंत्र में 12 मई से परिचालन फिर से शुरू करेगी. इस बात की भी आशंकाए हैं कि लॉकडाउन के उपायों में ढील के साथ वायरस का प्रकोप बढ़ सकता है, क्योंकि इस समय भी देश के अधिकतर शहरी केंद्रों में मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार से कोविड-19 के आंकड़े शाम को देना बंद कर दिया है, वहीं इसके सुबह के अपडेट में मौत के मामलों की संख्या 1,694 और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 49,391 बताई गयी. इसमें मंगलवार सुबह से क्रमश: 126 मौत के मामलों तथा 2,958 संक्रमण के मामलों की वृद्धि हुई है.
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15 हजार लोग हो चुके हैं ठीक
आंकड़ों में यह भी बताया गया कि अब तक देश में 15 हजार से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं और लोगों के संक्रमण से उबरने की दर करीब 29 प्रतिशत है. हालांकि, रात नौ बजे की स्थिति के अनुसार विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों का संकलन कर पीटीआई द्वारा तैयार की गयी तालिका में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 51,435 पहुंच गई है और मौत के मामले 1,694 पर पहुंच गए हैं.
देशभर में जहां संक्रमण और मौत के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं, वहीं गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक तथा पंजाब भी घातक वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं. केरल में अब तक संक्रमण के 500 से अधिक मामले सामने आए हैं, लेकिन बुधवार को राज्य में इस महामारी का एक भी मामला सामने नहीं आया और राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार अब केवल 30 रोगियों का इलाज चल रहा है और बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो चुके हैं.
महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोविड-19 के मरीजों में अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके. महाराष्ट्र में कोविड-19 के 1,233 नये मामले सामने आए हैं जो अब तक एक दिन में सर्वाधिक हैं.
राज्य में संक्रमित रोगियों की संख्या 16,758 पहुंच गयी है वहीं एक दिन में मौत के 34 नये मामले सामने आने के साथ कुल मृतक संख्या 651 हो गयी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी. मुंबई में अकेले 10,500 से अधिक मामले सामने आए हैं. गुजरात में बुधवार को 380 नये मामले संक्रमण के आए हैं और 28 लोगों की मौत हो गयी जिसके बाद कुल रोगियों की संख्या 6,625 हो गयी और मृतकों की संख्या 396 पहुंच गयी. अकेले अहमदाबाद में एक दिन में संक्रमण के 291 मामले आए हैं और 25 रोगियों की मृत्यु हो गयी है.
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गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखा
उधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में जांच की दर बहुत कम होने और 13.2 प्रतिशत की अति उच्च मृत्युदर से कोविड-19 को लेकर उठाये गये कदम झलकते हैं. मंत्रालय ने बाजारों में भीड़ और लोगों के बिना मास्क के बड़ी संख्या में निकलने पर चिंता जाहिर की है. उसने लोगों के नदियों में नहाने, क्रिकेट और फुटबॉल खेलने, निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन के कदमों में ढील बरतने आदि पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सामाजिक दूरी के नियम का गंभीरता के साथ उल्लंघन हो रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के 92 हजार मामले चिह्नित किये हैं और राज्य में श्वसन संबंधी गंभीर रोगों से ग्रस्त 870 लोगों की पहचान की है.
बनर्जी ने कहा कि ये परिणाम उनकी सरकार के पिछले एक महीने में घर-घर सर्वेक्षण के लिए किये गये गहन प्रयासों के हैं जिसमें 5.5 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंचा गया और यह कवायद वायरस को पूरी तरह हराने तक जारी रहेगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार देशभर में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 548 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल कर्मी संक्रमित पाये गये हैं. इनमें राष्ट्रीय राजधानी के 69 डॉक्टर शामिल हैं. हालांकि इस आंकड़े में वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मी, सुरक्षा गार्ड, लैब सहायक, रसोई सहायक आदि कर्मचारी शामिल नहीं हैं और इन सभी के संक्रमण के मामले जोड़ने के बाद संख्या अधिक हो सकती है.
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बुधवार को सीमा सुरक्षा बल के 85 जवान संक्रमित मिले और बल के कुल संक्रमित जवानों की संख्या कम से कम 154 हो गयी है. इनमें 60 से अधिक जवान दिल्ली के जामिया और चांदनी महल इलाकों में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी के तहत तैनात सुरक्षाकर्मियों से हैं, वहीं छह जवान उस अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल के साथ गयी एस्कॉर्ट टीम से हैं जिसने हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा कर वहां कोरोना वायरस के हालात का जायजा लिया था. कम से कम 37 संक्रमित जवान बल के त्रिपुरा स्थित केंद्र से हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस बीच दिल्ली सरकार ने 4,000 तबलीगी जमात सदस्यों को छुट्टी देने का आदेश दिया जो राजधानी के विभिन्न केंद्रों में पृथक-वास की अवधि पूरी कर चुके हैं. इनमें से करीब 900 दिल्ली के ही हैं और बाकी अन्य राज्यों से हैं तथा उन्हें उनके गृह राज्यों में भेजा जाएगा. इनमें से अधिकतर तमिलनाडु और तेलंगाना के हैं.