कोविड-19 महामारी की अभूतपूर्व दूसरी लहर के कारण भारत को बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना मामलों में बहुत ज्यादा इजाफा होने से स्वास्थ्य सुविधाएं धड़ाम हो चुकी है. देश में दवाई की कमी पड़ गई तो ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से मरीज दम तोड़ रहे हैं. इस संकट के दौर में भारत की मदद के लिए मित्र देशों की बिरादरी आगे आई है. कोरोना के खिलाफ अहम लड़ाई में दुनिया के बहुत से देश भारत को मदद पहुंचा रहे हैं. पिछले 13 दिन में कितनी मदद विदेश से आई है, इसका लेखा जोखा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सामने रखा है.
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13 दिनों में आई इतनी विदेशी मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि दुनियाभर से भारत को बहुत बड़ी चिकित्सा सहायता कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए मिली है. इन चिकित्सा सहायता के रूप में 6738 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 3856 ऑक्सीजन सिलेंडर, 16 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, 4668 वेंटिलेटर या बीएपी और 3 लाख से अधिक रेमेडिसविर भारत को प्राप्त हुए हैं. जबकि कनाडा, थाईलैंड, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, इजराइल, अमेरिका, जापान, मलेशिया, अमेरिका (गीलीड), अमेरिका (सेल्सफोर्स) और थाईलैंड में भारतीय समुदाय से शनिवार को प्राप्त होने वाली प्रमुख वस्तुओं में 2404 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 25000 रेमेडिसिर शीशियां शामिल हैं.
केंद्र ने विदेशी सहायता से प्राप्त सामान राज्यों को भेजा
आपको बता दें कि भारत को विभिन्न देशों और संगठनों से 27 अप्रैल से कोविड चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों की अंतर्राष्ट्रीय सहायता प्राप्त हो रही है. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की भी जानकारी दी है कि इस विदेशी सहायता राशि को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेज दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार सुनिश्चित कर रही है कि वैश्विक सहायता तेजी से राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को तेजी से कस्टम क्लीयरेंस, और हवाई और सड़क के उपयोग के माध्यम से वितरित की जा रही है. विदेशी कोविड राहत सामग्री की प्राप्ति और आवंटन के समन्वय के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में एक समन्वय सेल बनाया गया है.
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मंत्रालय ने कहा कि इस सेल ने 26 अप्रैल से काम करना शुरू कर दिया है और 2 मई से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है. मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारत द्वारा प्राप्त आपूर्ति के प्रभावी आवंटन और शीघ्र वितरण के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र तैयार किया है. यह तृतीयक देखभाल संस्थानों और प्राप्तकर्ता राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा बुनियादी ढांचे को पूरक करने में मदद करेगा, और अस्पताल में भर्ती कोविड रोगियों के अपने नैदानिक प्रबंधन को मजबूत करेगा.