केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के 3,31,146 इलाजरत मरीज हैं, जो देश में बृहस्पतिवार तक सामने आये कुल 10 लाख मामलों के करीब एक तिहाई हैं. साथ ही, मंत्रालय ने इलाजरत मरीजों में क्रमिक रूप से कमी आने का श्रेय लक्षित उपायों को दिया है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 के कुल मामलों में, 63.25 प्रतिशत मरीज अब तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. साथ ही इलाजरत मामलों में क्रमिक रूप से कमी आई है.
मध्य जून में यह आंकड़ा करीब 45 प्रतिशत था, जो अब घटकर करीब 34.18 प्रतिशत रह गया है. ’’ मंत्रालय के अनुसार कुल 20,783 मरीज पिछले 24 घंटे में इस रोग से उबरे हैं, जो किसी एक दिन में स्वस्थ हुए लोगों की सर्वाधिक संख्या है. इसके साथ ही, इससे उबर (संक्रमण मुक्त हो) चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 6,12,814 हो गई है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘संक्रमण के मामलों की समय पर पहचान और क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने से कोविड-19 के रोगियों के तेजी से सही होने में मदद मिल रही है.
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अब स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या इलाज करा रहे कोविड-19 रोगियों से 2,81,669 अधिक हो गयी है.’’ उसने कहा कि संक्रमणमुक्त हुए लोगों की संख्या उपचार करा रहे रोगियों से 1.85 गुना है. मंत्रालय ने कहा कि मध्य जून में इस रोग से उबरने की दर बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई थी जिसके बाद इसमें क्रमिक रूप से वृद्धि हुई और इलाजरत मामलों की संख्या में कमी आई.
मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक नये मामले बृहस्पतिवार को सामने आये और यह संख्या 32,695 है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 10 लाख हो गई, जबकि 606 और मरीजों की मौत हो जाने के साथ इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 24,915 पहुंच गई है.
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मंत्रालय ने कहा कि घर-घर जा कर सर्वेक्षण करना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों का समय पर पता लगाना, बड़े पैमाने पर जांच करना, समय पर रोग का पता लगाना और कारगर क्लीनिकल प्रबंधन जैसे उपायों से कोविड-19 से उबरने की संभावना बढ़ी है. देश में 1,381 विशेष कोविड अस्पताल, 3,100 विशेष कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और कुल 46,666 आईसीयू बिस्तरों के साथ 10,367 कोविड देखभाल केंद्र, अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में शामिल हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र सरकार और राज्यों के बीच सहयोगपूर्ण रणनीति ने भी कोविड-19 के मामलों को देश के कुछ ही हिस्सों तक सीमित रखा है.’’ बयान में कहा गया है कि सिर्फ दो राज्यों, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में देश में कुल इलाजरत मामलों का 48.15 प्रतिशत है. वहीं, 10 राज्यों में इलाज करा रहे रोगियों के 84.62 प्रतिशत हैं. बयान में कहा गया है कि केंद्र इन राज्यों को संक्रमण का प्रसार रोकने और कारगर क्लीनिकल प्रबंधन में सहयोग जारी रखे हुए है.
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मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के संयुक्त प्रयासों से जांच क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा विस्तारित करने, मामलों की निगरानी को वरीयता देने और वृद्ध आबादी एवं पहले से बीमारियों से ग्रस्त लोगों का सर्वेक्षण किये जाने से देश भर में कोविड-19 से उबरने की दर लगातार बेहतर होती जा रही है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुरूप जांच बढ़ाने से मामलों की शुरूआत में ही पता लगाने में मदद मिली है. इनमें आरटी-पीसीआर जांच शामिल है, जो कोविड-19 जांच के लिये एक भरोसेमंद मानक है. साथ ही रैपिड एंटीजन प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) जांच से भी आधे घंटे के अंदर परिणाम मिल जाते हैं. मंत्रालय ने कहा कि इससे निरूद्ध एवं बफर क्षेत्रों में जांच कार्य में तेजी आई है.
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इससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण मदद मिली है. मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 3,26,826 नमूनों की जांच की गई. अब तक 1,27,39,490 नमूनों की जांच की जा चुकी है. बयान में कहा गया है कि सभी पंजीकृत चिकित्सक जांच कराने का परामर्श लिख सकते हैं. देश में जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 1,234 हो गई है जिनमें 874 सरकारी और 360 निजी हैं. भाषा वैभव नरेश नरेश
Source : Bhasha/News Nation Bureau