कोरोना (Corona) संक्रमण काल के आगाज से ही ऐसे घोटालेबाज भी सामने आए, जिन्होंने शुरुआती दौर में ऐसी दवाओं के ऑनलाइन विज्ञापन दिए जो कोविड-19 (COVID-19) से उपचार का दावा कर रहे थे. इसके बाद कोरोना वैक्सीन को लेकर शुरू हुए प्रयासों के बीच तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी आगाह किया कि फर्जी वैक्सीन को लेकर धोखेबाज लोग आम लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं. कोरोना संक्रमण के बीच ही टीवी पर भी ऐसे विज्ञापनों की बाढ़ सी आ गई, जो अपने-अपने उत्पाद को कोरोना संक्रमण प्रूफ बता बेच रहे थे. अब केंद्र सरकार की नजर ऐसे विज्ञापन और उनसे संबंधित कंपनियों पर टेढ़ी हुई है और उसने 14 कंपनियों को नोटिस जारी किया है.
14 कंपनियों को नोटिस
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना से बचाने वाले पेंट, फ्लोर क्लीनर और फर्नीचर जैसे उत्पादों के झूठे विज्ञापन देने वाली 14 कंपनियों को केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नोटिस भेजा है. यह जानकारी उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी है. दरअसल, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक अतारांकित सवाल में पूछा था कि क्या केंद्र सरकार को कोविड से जुड़े भ्रामक विज्ञाप मीडिया में दिखाए जाने की जानकारी है? यदि हां तो क्या केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ऐसे भ्रामक विज्ञापनों का आकलन कर कोई कार्रवाई की है?
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जुर्माना और गिरफ्तारी भी संभव
इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना का प्रावधान है, जो झूठे विज्ञापनों को नियंत्रित करता है. सीसीपीए ऐसे विज्ञापनों को बंद करने या उसमें संशोधन करने के लिए संबंधित व्यापारी, विज्ञापनदाता को निर्देश जारी कर सकता है. अधिनियम में जुर्माना लगाने और किसी सेवा प्रदाता की गिरफ्तारी का भी प्रावधान है.
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झूठे दावों से बचने को जारी की गई थी एडवाइजरी
मंत्री ने बताया कि अब तक सीसीपीए ने इम्यूनिटी, कोविड-19 विषाणु से सुरक्षा जैसे भ्रामक दावा करने वाली वाटर प्यूरीफायर, पेंट्स, फ्लोर क्लीनर, एपेरल, डिसइंफेक्टेंट, फर्नीचर से संबंधित 14 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उद्योग संघों को, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के नियमों से संबंधित एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, ताकि उनके सदस्य कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी होने के बारे में झूठे दावे करना बंद कर दें. हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री ने संबंधित कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया.
HIGHLIGHTS
- कोरोना से बचाने के दावे कर बेचे गए उत्पाद
- 14 कंपनियों को दिया गया कारण बताओ नोटिस
- आरोप सिद्ध होने पर जुर्माना व गिरफ्तारी संभव