देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से देश की यातायात व्यवस्था ठप हो गई है. लेकिन देश में अलग-अलग राज्यों के अप्रवासी मजदूरों को उनके घरों को पहुंचानें के लिए सरकार ने सावधानी पूर्वक रेल सेवाएं शुरू कर दीं. सरकार को इस दौरान रेल सेवाओं के द्वारा मजदूरों को उनके घरों तक सावधानी पूर्वक पहुंचाने में सफलता भी मिली. इस कामयाबी के बाद अब सरकार हवाई यात्रा की सेवाएं शुरू करने पर विचार कर रही है. इसी कड़ी में सोमवार को उड्डयन मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने दिल्ली के टी-3 एयर पोर्ट का जायजा भी लिया.
सोमवार को मंत्रालय की एक संयुक्त टीम ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दौरा किया और वहां पर उड़ानें शुरू की जाने की तैयारियों का जायजा लिया. मंत्रालय के इस इशारे के बाद अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रेन सेवा की तरह अगले कुछ दिनों में सीमित हवाई यात्रा की शुरुआत हो सकती है. देश में हवाई यात्रा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट का जायजा लेने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की टीम जिसमें डीजीसीए, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ऑफिस, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, सीआईएसएफ शामिल थीं, दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ानों की बहाली से पहले वहां का जायजा लेने पहुंची और तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली.
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वहीं टीवी टुडे के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस देश लाने का काम 7 मई से शुरू हो गया है. इसमें हमें अभी तक किसी भी परेशानी का कोई सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि घरेलू उड़ान सेवा शुरू करने की हमारी तैयारी लगभग पूरी है.
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वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस कार्यक्रम में आगे बताया कि हम वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे लगभग 2 लाख लोगों को वापस लाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि ये संख्या और बढ़ भी सकती है. उन्होंने बताया कि हमारा यह अभियान अभी तक सफलतापूर्वक चल रहा है. इस अभियान के तहत विदेशों से आने वाले देश के नागरिकों की विमान में चढ़ने के पहले उनकी जांच की जाती है. फिर भारत पहुंचते ही एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जाती है. लेकिन विमान के अंदर यात्रियों की सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं है.