देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. इस महामारी (COVID-19) के कारण एक बार फिर हालात एक बार फिर से बेकाबू होते जा रहे हैं. कोरोना के नए केस ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. आलम ये है कि तकरीबन हर रोज एक लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. देश के चार राज्यों में एक दिन में सबसे ज्यादा नए केस आए. इनमें महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), यूपी (Uttar Pradesh) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) शामिल हैं. दिल्ली और मुंबई के हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अस्पतालों में बेड्स (Beds Shortage in Hospitals) की कमी सामने आई है. राष्ट्रीय राजधानी में बीते 24 घंटे की बात करें तो कोरोना ने 10 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है. दिल्ली में करीब 17 बड़े अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर एक भी कोरोना स्पेशल बेड नहीं है.
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राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है. कोरोना विस्फोट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता भी जाहिर की है और नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ कुछ और पाबंदियां भी लागू की गई हैं. देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन में कोरोना मामलों की संख्या 10 हज़ार पार जाने का असर दिखने लगा है. राजधानी के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स की किल्लत हो रही है तो एक दर्जन से ज़्यादा प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की उपलब्धता शून्य हो गई है. दिल्ली सरकार की 'कोरोना एप' के मुताबिक, 12 अप्रैल दोपहर 1 बजे तक 17 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की संख्या शून्य हो गई है यानी इन अस्पतालों में सामान्य कोरोना मरीज के लिए एक भी कोरोना बेड उपलब्ध नहीं है.
दिल्ली में रविवार शाम तक की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 5 हजार बेड्स ही खाली थे. जबकि वेंटिलेटर की बात करें तो 300 के करीब ही वेंटिलेटर बेड्स खाली थे. लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि दिल्ली में छोटे-बड़े अस्पतालों में करीब 50 अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर एक भी आईसीयू बेड या वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं है. कोरोना से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि राजधानी में जो केंद्र के अस्पताल हैं, वहां कोरोना बेड्स की संख्या बढ़ाई जाए.
इन अस्पतालों में बेड्स फुल
- ओखला में स्थित होली फैमली अस्पताल में सभी 164 बेड फुल
- शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में अस्पताल में सभी बेड फुल
- पंजाबी बाग स्थित महाराजा अग्रसेन अस्पताल में बेड्स खाली नहीं बचे
- रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में सभी 124 बेड पर मरीज भर्ती हैं
- द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में सभी 98 बेड्स फुल हो गए
- रोहिणी के सरोज अस्पताल में सभी 84 बेड फुल हो चुके
- राजेंद्र नगर के BL कपूर अस्पताल में सभी बेड्स फुल हो गए
- लाजपत नगर के VIMHANS अस्पताल में सभी 66 बेड्स पर मरीज भर्ती हैं
- द्वारका के आयुष्मान अस्पताल में बेड्स की कमी हुई
- कीर्ति नगर के कालरा अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं बचा
- कृष्णा नगर के गोयल अस्पताल में सभी 60 बेड पर मरीजों का इलाज जारी है
- निर्माण विहार के मलिक रेडिक्स अस्पताल में सभी 46 बेड्स फुल हो गए
- ईस्ट ऑफ कैलाश के नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट अस्पताल में सभी 46 बेड्स फुल हो चुके
- पंचकुइयां रोड के हार्ट एंड लंग अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं बचा
- द्वारका के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में बेड्स की कमी हुई
- तिलक नगर के रिवाइव अस्पताल में सभी 28 बेड फुल हुए
- द्वारका के भगत चन्द्र अस्पताल में सभी 23 बेड फुल हो चुके
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DRDO फिर से बनाएगा 500 बेड्स का अस्पताल
राजधानी में स्थिति को बिगड़ते देख केंद्र सरकार एक बार फिर से एक्शन में आ गई है. DRDO की ओर से दिल्ली कैंट में अगले रविवार तक आईसीयू सुविधाओं से लैस 500 बेड वाला कोविड अस्पताल स्थापित किया जाएगा, डीआरडीओ पहले 7 दिनों में 250 बेड पहले तैयार करेगी, सेना और अर्द्धसैनिक बलों की ओर से मरीजों के लिए डॉक्टर प्रदान किए जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली-महाराष्ट्र में कोरोना ने बरपाया कहर
- दिल्ली के 17 बड़े अस्पतालों में बेड्स की कमी
- DRDO बनाएगा 500 बेड्स का अस्पताल