भारत में अभी दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दी गई है. इनमें पहली वैक्सीन भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन है तो दूसरी सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) की कोविशील्ड (Covishield) जो ऑक्सफोर्ड-एक्स्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ही भारतीय संस्करण है. दोनों की वैक्सीन जल्द ही वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध रहेंगी. हालांकि इससे पहले ही इन वैक्सीन के मालिक आपस में भिड़ गए हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर आपत्ति जताई है. सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला का कहना है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई है. उधर भारत बायोटेक के फाउंडर और चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने भी सीरम इंस्टिट्यूट पर पलटवार किया है.
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कोवैक्सीन के सीईओ ने किया पलटवार
कोवैक्सीन के सीईओ कृष्णा एल्ला ने कहा कि वैक्सीन को लेकर राजनीति की जा रही है. वैक्सीन बनाने में सभी मानकों का पूरी तरह पालन किया गया है. जो लोग वैक्सीन के ट्रायल को लेकर सवाल उठा रहे हैं वह पहले कंपनी की ओर से जारी सभी डाला को एक बार पढ़ लें. जो लोग वैक्सीन को पानी बता रहे हैं वह यह जान लें कि वैक्सीन को कई वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है.
दरअसल पिछले दिनों एक टीवी चैनक को दिए गए इंटरव्यू में सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि अब तक सिर्फ फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की प्रभावकारिता साबित हुई है और बाकी सभी वैक्सीन सिर्फ पानी की तरह सुरक्षित हैं.
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कोवैक्सीन नहीं है बैकअप
एल्ला ने एम्स प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के बयान को लेकर भी आपत्ति जताई. डॉक्टर गुलेरिया ने कोवैक्सीन का इस्तेमाल अन्य वैक्सीन के बैकअप की तरह करने का सुझाव दिया था. एल्ला ने कहा, 'ये एक वैक्सीन है, बैकअप नहीं. इस तरह के बयान देने से पहले लोगों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए.' हालांकि इस बयान के बाद ही गुलेरिया ने सफाई देते हुए कहा कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं.
Source : News Nation Bureau