कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी (Vaccine Diplomacy) की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत पूरी दुनिया कर रही है. अमेरिका और य़ूरोप के कुछ अखबार तो इसे आक्रामक चीन (China) की काट की बतौर देख रहे हैं. खासकर गरीब देशों को लाखों की संख्या में कोविड-19 (COVID-19) टीके उपलब्ध कराकर भारत दुनिया का सिरमौर बन कर उभरा है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने दुनिया के सभी देशों को समान रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराने पर जोर दिया था. उन्होंने सिर्फ 15 देशों में 70 फीसदी कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर गंभीर चिंता जताई थी. खासकर इस तथ्य के मद्देनजर कि कई अमीर देश अपने नागरिकों के लिए वैक्सीन के टीकों की जमाखोरी कर रहे हैं.
कैरेबियाई देशों को दिया सहारा
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में कैरेबियाई देश पीछे छूट रहे थे, लेकिन भारत की ओर से कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई ने उन्हें मजबूत सहारा दिया है. भारत सरकार ने हाल ही में पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, सेशेल्स और मालदीव वैक्सीन की सप्लाई की है या उन्हें बेचा है. भारत में बनी वैक्सीन अन्य देशों को चीन की वैक्सीन के मुकाबले विकल्प उपलब्ध कराती है. बीजिंग अपनी वैक्सीन को पूरी दुनिया में बेचने की कोशिश में लगा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की योजना अब लातिन अमेरिका, कैरेबियाई देशों, एशिया और अफ्रीका महाद्वीप को मिलाकर कुल 49 देशों में वैक्सीन सप्लाई करने की है, ये वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी.
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दुनिया भर में भारत की तारीफ
भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की पूरी दुनिया में जमकर तारीफ हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया से लेकर दिग्गज नेताओं ने भारत की खुले दिल से तारीफ की है. हाल ही में किए एक ट्वीट में वॉल स्ट्रीट जर्नल के एरिक बेलमैन ने कहा, 'वैश्विक वैक्सीन डिप्लोमेसी की रेस में भारत सबको चौंकाते हुए लीडर बनकर उभरा है. अपने नागरिकों के लिए तय किए गए वैक्सीन के टीकों की संख्या के मुकाबले तीन गुना ज्यादा टीके भारत ने निर्यात किए हैं. साथ ही अपने टीकाकरण कार्यक्रम को बेअसर रखते हुए भारत और ज्यादा वैक्सीन निर्यात कर सकता है.' न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, 'भारत, दुनिया का बेजोड़ वैक्सीन निर्माता अपने पड़ोसी दोस्तों और गरीब देशों को करोड़ों की संख्या में वैक्सीन के टीके उपलब्ध करा रहा है.' न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक भारत, चीन को काउंटर करने की कोशिश कर रहा है, जिसने कोरोना वायरस वैक्सीन को अपने वैश्विक संबंधों के केंद्र में रखा है और तेल की प्रचुरता वाला संयुक्त अरब अमीरात अपने सहयोगी देशों की ओर से इन टीकों को खरीद रहा है.
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मित्र देशों को वैक्सीन गिफ्ट
भारत ने वैक्सीन फ्रेंडशिप के तहत अब तक 22.9 मिलियन टीके बांटे हैं, जिनमें से 64.7 लाख टीके अनुदान के रूप में दिए गए हैं. गुरुवार को डोमिनियन रिपब्लिक के आंतरिक मामलों के मंत्री रकैल पेना ने कहा था कि भारत ने उनके देश को कोरोना वायरस वैक्सीन के 30,000 टीके गिफ्ट के तौर पर दिए हैं. इसके अलावा भारत ने डोमिनिका को भी 70 हजार टीके उपलब्ध कराए हैं. वैक्सीन के ये टीके डोमिनिका की पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए काफी होंगे. इस महीने की शुरुआत में भारत ने बारबेडोस को 10 हजार टीके उपलब्ध कराए थे. इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए 2 लाख टीके गिफ्ट के तौर पर देने का वादा किया है.
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मेड इन इंडिया वैक्सीन
गौरतलब है कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत कई अन्य देशों के लिए कई सारी कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा वक्त में दूसरे देशों को वैक्सीन देकर भारत अन्य देशों में भी लोगों की जान बचा रहा है. कोरोना वायरस वैक्सीन निर्मित करने में लगी भारतीय कंपनियों ने इस साल करोड़ों की संख्या में कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध कराने का वादा किया है. भारत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ साझे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से विकसित की गई कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ भारत बॉयोटेक द्वारा विकसित की गई कोवैक्सीन टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
HIGHLIGHTS
- भारत ने वैक्सीन फ्रेंडशिप के तहत अब तक 22.9 मिलियन टीके बांटे
- भारत की योजना अब कुल 49 देशों में वैक्सीन सप्लाई करने की है
- मोदी सरकार ने सबसे पहले अपने पड़ोसी देशों को दिए थे टीके