देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में 15 करोड़ 55 लाख टेस्ट हो चुके हैं, जबकि एक्टिव केस तीन लाख 40 हजार के करीब है और 94 लाख लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख मृत्यु 104 है, जबकि बीते सात दिनों में सिर्फ दो है. भारत में 95 फ़ीसदी से ज्यादा रिकवरी रेट है. सितंबर में 10 लाख थे, जबकि अक्टूबर आते-आते 7 लाख और मौजूदा समय यानी दिसंबर में चार लाख के करीब है. दिल्ली, केरला, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक प्रतिदिन केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं. उसमें भी सबसे ज्यादा बुरे हालात केरल और महाराष्ट्र के हैं.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन नए आंकड़ों में काफी सुधार आया है, फिर भी दक्षिण भारतीय राज्यों की तुलना में यह सुधार कम है. जनसंख्या के लिहाज से भी दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब में मृतकों की संख्या बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है. सभी 36 राज्यों में दो तरह की ट्रांसपोर्ट कोरोना के खिलाफ टीकाकरण पर काम कर रही है. राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सचिव और जिला स्तर पर जिला अधिकारी, सभी 633 जिलों में टास्क फोर्स बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि 23 मंत्रालयों और विभागों को वैक्सीनेशन के लिए मिलकर काम करने के लिए कहा गया है. ट्रेनिंग के लिए मेडिकल ऑफिसर, वॉलिंटियर ऑफिसर, कोल्ड चैन हैंडलर, सुपरवाइजर, डाटा मैनेजर, आशा वर्कर को रखा गया है. कोल्ड चेंज नेटवर्क के लिए संसाधनों को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले में इलेक्ट्रिकल और दूसरे में नॉन इलेक्ट्रिकल कोल्ड चैन व्यवस्था. 38,000 कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं, जिनमें से 240 वाकिंग कूलर, 70 वाकिंग फ्रीजर, 45000 बर्फ से रेफ्रिजरेटर कोड, 41 हजार डीप फ्रीजर के साथ-साथ 300 सोलर रेफ्रिजरेटर को भी रखा गया है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ पॉल ने कहा कि मृत्यु के आंकड़ों के लिहाज से भारत में यूरोप की तुलना में 8 गुना और विश्व की तुलना में 5 गुना से कम मृत्यु हुई है. भारत में प्रतिदिन 400 लोगों की कोरोना की वजह से मृत्यु हो रही है, जबकि नए केस भी 22000 की तक सीमित हो गए हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार की करोना को लेकर किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की. उत्तराखंड ,नागालैंड और हिमाचल प्रदेश की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है. एक और वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी गई है.
Source : News Nation Bureau