केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के लिए त्योहारी मौसम, लोगों की ज्यादा आवाजाही और कोविड व्यवहार से जुड़ी सावधानियों में लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही उसने कहा कि संवेदनशील जोन में नमूनों के जांच की संख्या में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे. सरकार ने मेट्रो यात्रा के दौरान कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पूरी सावधानी से अनुपालन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया.
केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की गई. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में हालिया बढ़ोतरी का कारण त्योहारी मौसम में लोगों की ज्यादा आवाजाही और कोविड व्यवहार से जुड़ी बुनियादी सावधानियों में लापरवाही बरतना है.
मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की स्थिति सहज है क्योंकि कोविड-19 समर्पित 15,789 बिस्तरों में से 57 प्रतिशत खाली हैं. वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों और उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि के बीच प्रशासन परीक्षण, संपर्कों का पता लगाने और उपचार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान दिल्ली में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर रणनीति बनाए जाने को लेकर भी चर्चा की गई और इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों के अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी मौजूद रहे.
बैठक के दौरान खासतौर पर त्योहारी मौसम और तापमान में कमी आने के कारण बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई. इसके मुताबिक, बैठक में निर्णय लिया गया कि रेस्तरां, बाजारों, सलून जैसी संवेदनशील जगहों पर लक्षित आरटी-पीसीआर जांच जैसे प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. साथ ही वेंटिलेटर, बिस्तरों और आईसीयू समेत अन्य चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता में वृद्धि करने का भी फैसला लिया गया.
Source : News Nation Bureau