देश में कोरोना का कहर जारी है. पिछले 24 घंटों में 67 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल आंकड़ों की संख्या पहुंच कर 32 लाख के पार पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देशभर में कोरोना के 67,151 नए मामले सामने आए हैं जबकि 1,059 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 32 लाख 34 हजार 475 हो गई है जिसमें 7 लाख 7 हजार 267 लोग अभी भी संक्रमित हैं जबकि 24 लाख 67 हजार 759 लोग ठीक हो चुके हैं. इसके अलावा 59 हजार 449 लोगों की मौत हो गई है.
यह भी पढ़ें: NEET, JEE Exam: विरोध तेज, इन नेताओं ने मिलाए छात्रों के सुर में सुर
India's #COVID19 case tally crosses 32 lakh mark with 67,151 fresh cases and 1,059 deaths in the last 24 hours.
— ANI (@ANI) August 26, 2020
The COVID-19 case tally in the country rises to 32,34,475 including 7,07,267 active cases, 24,67,759 cured/discharged/migrated & 59,449 deaths: Ministry of Health pic.twitter.com/pfoJqCg2FY
बता दें, कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच दुनियाभर के कई डॉक्टर और वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन खोडने में लगे हैं. इस बीच कई लोग फेविपिराविर दवा को भी कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इस दवा को कोरोना से लड़ने के लिए कारगर माना जा रहा है. भारतीय दवा कंपनी ने भी इसके दो वेरिएंट लॉन्च कर दिए हैं.
भारतीय दवा कंपनी एफडीसी लिमिटेड ने फेविपिराविर (Favipiravir) के दो वेरिएंट पाईफ्लू (PiFLU) और फैवेंजा (Favenza) लॉन्च किए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एफडीसी लिमिटेड ने इन दोनों वेरिएंट के एक टैबलेट की कीमत 55 रुपए रखी है. इन दोनों ही वेरिएंट का इस्तेमाल हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों पर किया जाएगा. कंपनी की मानें तो कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस दवा को मंजूरी भी दे दी है. बताया रहा है कि ये एंटीवायरल दवा मरीजों में क्लिनिकल रिकवरी को तेज करने में कारगर साबित हुई है. दावा किया जा रहा है कि पाइफ्लू से मरीदों की बिगड़ती हालत को संभालने में मदद मिलेगी.
यह भी पढ़ें: दिल्ली मेट्रो में टोकन सिस्टम हो सकता है पूरी तरह खत्म, होंगे ये बदलाव
क्या है कोरोना की स्थिति?
विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की वजह इलाज करवाने के लिए दूसरे प्रदेशों से मरीजों का दिल्ली आना, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा रैपिड एंटीजन जांच की संवेदनशीलता का कम होना हो सकते हैं. जून महीने की शुरुआत में संक्रमित मामलों की दर 30 फीसदी थी जो जुलाई के अंत तक कम होकर छह फीसदी से कम रह गई.
मामले भी घटना शुरू हो चुके थे लेकिन बीते एक हफ्ते में मामले फिर बढ़ने लगे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक संक्रमितों की दर 8.9 फीसदी है जिससे विशेषज्ञों के माथे पर बल पड़ गए हैं. रविवार को दिल्ली में अगस्त माह के सर्वाधिक 1,450 मामले सामने आए थे.