देश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पिछले 24 घंटों में देश में पहली बार 55 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं जिसके बाद बाद कुल मामलों का आंकड़ा 16 लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में कोरोना के 55 हजार 079 मामले सामने आए हैं जबकि 779 मौतें हो गई हैं. इसी के साथ देश में कोरोना के 16 लाख 38 हजार 871 मामले सामने आए हैं जिसमें 5 लाख 45 हजार 318 सक्रिय मामले है जबकि 10 लाख 57 हजार लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. इसके अलावा अब तक देश में 35 हजार 747 लोगों की मौत हो गई है.
यह भी पढ़ें: कुवैत ने भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई, 8 लाख लोगों पर संकट
वहीं दूसरी ओर कोविड-19 (COVID-19) का टीका विकसित करने में जुटे विशेषज्ञ दुनियाभर में इसके मानव पर परीक्षण (Clinical Trial) के विभिन्न चरणों में पहुंच चुके हैं और ऐसे में बृहस्पतिवार को शीर्ष वैश्विक विशेषज्ञों ने कठोर मानकों की आवश्यकता पर जोर दिया. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से आयोजित ‘कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकों (Corona Vaccine) के विज्ञान और नैतिकता में नव विचार’ विषय पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए विशेषज्ञों ने यह भी चर्चा की कि टीका विकसित होने के बाद किन समूहों को टीका लगाने के मद्देनजर प्राथमिकता दी जाए.
यह भी पढ़ें: दिल्ली एनसीआर समेत यूपी के कई हिस्सों में चमक गरज के साथ बारिश की संभावना
अमेरिका के राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक एंथोनी एस फौसी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही एमआरएनए-1273 आधारित टीके का मानव पर तीसरे चरण का परीक्षण शुरू हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमने यह स्पष्ट किया है कि बिल्कुल शुरुआत से ही सभी अध्ययनों को सामुदायिक अधिकारों और सभी आवश्यक नैतिक समीक्षा के साथ नियामक मानक पर निष्पादित किया जाएगा.' कार्यक्रम के दौरान ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से जुड़े प्रोफेसर एड्रियान हिल ने कहा कि टीके के संबंध में उपलब्ध सुरक्षा डेटाबेस के कारण हम तेजी से स्वीकृति प्राप्त करने में सफल रहे. ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका मानव परीक्षण के तीसरे चरण में है.