देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 75 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल आंकड़ा 33 लाख के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में कोरोना के 75 हजार 760 नए मामले सामने आए हैं जबकि 1 हजार 23 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 33 लाख 10 हजार 235 पहुंच गई है. इनमें से 25 लाख 23 हजार 772 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं जबकि 7 लाख 25 हजार 991 लोग अभी भी संक्रमित है. इसके अलावा अब तक देश में कुल 60 हजार 472 लोगों की मौत हो चुकी है.
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India's #COVID19 case tally crosses 33 lakh mark with 75,760 fresh cases and 1,023 deaths, in the last 24 hours.
— ANI (@ANI) August 27, 2020
The COVID-19 case tally in the country rises to 33,10,235 including 7,25,991 active cases, 25,23,772 cured/discharged/migrated & 60,472 deaths: Ministry of Health pic.twitter.com/Yt2C72oXcL
बता दें, भारत सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों के आंकड़े के मामले में तीसरे नंबर पर है. , दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 न केवल फेफड़े को बल्कि करीब सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है. इसके शुरुआती लक्षण सीने की शिकायत से बिल्कुल असंबंधित हो सकते हैं.
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य अंगों को शामिल करने के लिए, बस सांस के लक्षणों के आधार पर हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणियों में मामलों के वर्गीकरण पर फिर से विचार करने की जरूरत है. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, स्नायु विभाग के प्रमुख डॉ. एम वी पद्मा श्रीवास्तव, हृदय चिकित्सा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय, मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल समेत संस्थान के विशेषज्ञों ने नीति आयोग के साथ मिलकर आयोजित अपने साप्ताहिक ‘नेशनल क्लीनिकल ग्राउंड राउंड्स’ में कोविड-19 का फेफड़े पर होने वाले संभावित जटिलताओं पर चर्चा की.
गुलेरिया ने कहा, चूंकि हमने कोविड-19 के बारे में अधिक से अधिक जाना है, तो ऐसे में हमने अहसास किया है कि यह फेफड़े पर भी अपना प्रभाव दिखाता है. यह मूल तथ्य है कि यह वायरस एसीई 2रिसेप्टर से कोशिका में प्रवेश करता है. इसलिए श्वासनली और फेफड़े में वह बड़ी मात्रा में होता है, लेकिन वह अन्य अंगो में भी मौजूद होता है और इस तरह अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं.