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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 900 के पार, मरने वालों की संख्या हुई 19

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार का ध्यान उन क्षेत्रों पर है जहां इनके मामले ज्यादा सामने आए हैं और इसके साथ ही संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

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Deepak Pandey
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कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)

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देश भर में कोरोना वायरस के मामलों के लगातार बढ़ रहे हैं और इनकी संख्या 900 के पार पहुंचने के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार का ध्यान उन क्षेत्रों पर है जहां इनके मामले ज्यादा सामने आए हैं और इसके साथ ही संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से बीते 24 घंटों में दो मौत सहित 149 नये मामले सामने आए. देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर एक मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि सामाजिक मेल मिलाप को कम करने तथा बंद को 100 फीसदी सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त प्रयास किये जा रहे हैं.

मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के मामले शनिवार को बढ़कर 918 हो गए जबकि मृतकों का आंकड़ा 19 है. अग्रवाल ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां इस बीमारी के अत्यधिक मामले सामने आए हैं. साथ ही राज्यों के साथ, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्कों का पता लगाने, सामुदायिक निगरानी और इस बीमारी की रोकथाम की रणनीति के कड़ाई से कार्यान्वयन के लिए काम किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि हर राज्य में कोविड-19 के लिए अस्पतालों की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और खास तौर पर कोविड-19 के लिए अस्पताल और खंड तैयार कर पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पृथक और सघन देखभाल इकाई के बेड के साथ ही अन्य जरूरी साजोसामान की उपलब्धता बढ़ाने के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं. संयुक्त सचिव ने कहा कि 17 राज्यों ने अब तक इस पर काम शुरू कर दिया है और देश भर में डॉक्टरों को कोविड-19 रोगियों की देखभाल के बारे में दिल्ली स्थित एम्स की मदद से प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “एम्स द्वारा अगले 5-7 दिनों में देखभाल में जुटे कर्मियों के ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिये एक श्रृंखला शुरू की जाएगी. इनमें कोविड-19 के मरीजों और संदिग्ध मामलों की देखभाल से जुड़ा प्रशिक्षण शामिल है.”

अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने शनिवार को कोविड-19 मामलों की बेहतर देखरेख के लिये एम्स में रोजाना चौबीसों घंटे चालू रहने वाली राष्ट्रीय टेली-मेडिसीन सुविधा शुरू की. इसके जरिये अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन के लिए नैदानिक मार्गदर्शन दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमनें स्थिति का काफी पहले पूर्वानुमान लगा लिया और पहले ही अपनी तैयारी की और चरणबद्ध तरीका अपनाया तथा बंद को तभी लागू कर दिया जब हमारे यहां कम मामले सामने आ रहे थे जबकि दूसरे देशों ने ऐसा काफी बाद में किया.”

उन्होंने हालांकि यह जरूर कहा कि नतीजे कुछ दिनों बाद ही पता चलेंगे. आईसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग विभाग (एपीडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज डिपार्टमेंट) के प्रमुख रमण आर गंगाखेडकर ने कहा कि कोविड-19 के लिये संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक श्वसन संबंधी बेहद गंभीर बीमारी (एसएआरआई) के सभी मरीजों की कोरोना वायरस संक्रमण जांच की जा रही है. सामुदायिक प्रसार की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ एसएआरआई मरीजों की जांच शुरू की है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ इक्का-दुक्का मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने संक्रमित लोगों के संपर्क में आने जैसी बातों का खुलासा नहीं किया लेकिन उनकी संख्या बड़ी नहीं है कि हम यह मानें की विषाणु तेजी से फैल रहा है.’’

गंगाखेडकर ने कहा, “जब तक हम बड़ी संख्या में ऐसे मामले न देख लें जिनसे सामुदायिक प्रसार का संकेत मिलता हो तब तक हम चीजों की ऐसी व्याख्या न करें.”भारत में जांच की क्षमताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश भर में अभी 111 सरकारी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और निजी क्षेत्र को इसमें शामिल कर इसे बढ़ाया गया है. गंगाखेडकर ने कहा, “अभी हम अपनी सिर्फ 30 फीसद क्षमता का इस्तेमाल कर रहे हैं. 44 प्रयोगशालाओं को जांच के लिये मंजूरी दी गई है और निजी क्षेत्र द्वारा 400 लोगों की जांच की गई है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका से आयातित 5 लाख किट पहुंच चुके हैं जिसका मतलब है हम पांच लाख और लोगों की जांच कर सकते हैं. इसके अलावा प्रयोगशालाओं के पास एक लाख और लोगों की जांच करने के लिए सुविधा उपलब्ध है.

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के जिन मरीजों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा दी गई, उनमें कोरोना वायरस संक्रमण में कमी देखी गई. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और घरों में कोविड-19 के मरीजों की देखरेख कर रहे लोगों को यह निरोधक दवा के तौर पर दी जा रही है और जिन लोगों को यह दवा दी जा रही है उनके आंकड़ों का बाद में विश्लेषण किया जाएगा जिससे ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सके. उन्होंने साफ किया कि यह दवा हर किसी को देने के लिये नहीं है. 

Source : Bhasha

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