दिल्ली क्राइम ब्रांच निजामुद्दीन मरकज (Nijamuddin Markaz) यानी दिल्ली तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के सर्वेसर्वा मौलाना मोहम्मद साद (Maulana Saad) को दूसरा नोटिस जारी कर चुकी है. मरकज के नाम पर देश-विदेश से आए इस्लामिक प्रचारकों की जानकारी छिपाने और लॉकडाउन (Lockdown) के बावजूद एक जगह हजारों की भीड़ इक्ट्ठा कर भड़काऊ भाषण देने के बाद फरार चल रहे मौलाना साद अब अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर कानूनी शिकंजे से बचने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि उनके वकील तौसीफ खान ने अब बयान दिया है कि वह भागे नहीं हैं, वह डरपोक नहीं हैं. उन्होंने खुद को क्वारंटाइन किया हुआ है और जल्द ही वह सामने आएंगे. इस बीच खुफिया सूत्रों को जानकारी मिली है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के जीवत बम बनाने वाले मौलाना साद हरियाणा में छिपे हुए हैं.
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हरियाणा में छिपे होने के संकेत
तब्लीगी जमातियों के जरिये देश भर में कोरोना फैलाने के आरोपित निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद कांधलवी के हरियाणा में होने के संकेत मिले हैं. इसके मद्देनजर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. हरियाणा सरकार ने साद की लोकेशन हासिल कर उसे पकड़ने के लिए एक टीम का गठन कर दिया है. हरियाणा सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मौलाना साद को पकड़ने के लिए जाल बिछाने में जुट गई है. संभावना जताई जा रही है कि पुलिस उस तक जल्द की पहुंच जाएगी. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि मौलाना साद हरियाणा में हुआ तो उसे दो दिन में पकड़ लेंगे.
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साद के वकील ने कहा, जरपोक नहीं मौलाना
इस बीच तबलीगी जमात का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा है कि तबलीगी जमात मरकज के प्रमुख मुहम्मद साद कांधालवी एकांतवास में हैं और वह आठ से नौ दिनों के अंदर सभी का सामने आ जाएंगे. मुहम्मद साद पर लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने और दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में एक धार्मिक सभा का आयोजन करने का आरोप लगाया गया है, जो 1,000 से अधिक कोरोनावायरस मामलों से जुड़ा हुआ है. मुहम्मद साद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद वह कथित रूप से छिपे हुए हैं.
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गंभीर आरोप लगाए गए मौलाना साद पर
अधिवक्ता तौसीफ खान ने बताया, वह क्वारंटीन में हैं. उन्हें इससे बाहर आने में आठ से नौ दिन लगेंगे. अगर जांच अधिकारी हमें जांच में शामिल करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं. हम डरपोक की तरह भागेंगे नहीं. खान ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराएं, जिनके तहत मुहम्मद साद पर आरोप लगाए गए हैं, जमानती आरोप हैं. उन्होंने कहा, प्राथमिकी में सभी धाराएं जमानती हैं, इसलिए अदालत से अग्रिम जमानत लेने की जरूरत नहीं है. अपराध के लिए अधिकतम सजा दो साल की है, इसलिए उन्हें थाने से जमानत मिल जाएगी.
HIGHLIGHTS
- तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के हरियाणा में छिपे होने के संकेत.
- हालांकि उनके वकील ने कहा आठ-नौ दिन बाद सामने आ जाएंगे मौलाना साद.
- दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कई गंभीर धाराओं में दर्ज किया है मुकदमा मौलाना पर.