न्यूज नेशन पर रात नौ बजे समय होता 'खोज खबर' का, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने जमात का जमात का इंसानियत से विश्वासघात, जिद्दी जमात से कैसे निपटेगा हिन्दुस्तान, जमात से बैर नहीं नियम तोड़ा तो खैर नहीं मुद्दे पर चैनल पर आए मेहमानों के साथ चर्चा की. इस बहस में एआईयूसी के अध्यक्ष मौलाना नद्दीमुद्दीन, यूथ फॉर इक्वेलिटी डॉ. कौशल कांत मिश्रा, इस्लामिक स्कॉलर इफरा जान, चांसलर फिरोज अहमद बख्त, तबलीगी जमात सदस्य मुजबिर रहमान, इस्लामिक स्कॉलर अतीक-उर-रहमान और बीजेपी नेता राजीव जेटली ने हिस्सा लिया है.
मौलाना नद्दीमुद्दीन ने कहा कि अगर तबलीगी जमात वाले ऐसे काम कर रहे हैं तो यह निंदनीय है. फिरोज अहमद ने कहा कि मौलाना की वजह से विश्व में मुसलमान बदनाम है. वहीं, मुजबिर रहमान ने कहा कि तबलीगी जमात के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाह गलत है. इस पर डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि हिन्दुस्तान का मुस्लमान और तहलीगी जमात वाले दोनों अलग-अलग हैं. भारत के मुसलमान उतने ही देशभक्त हैं, जितने हिन्दू हैं.
कौशल कांत मिश्रा ने कहा, देश में जितने भी एफआईआर हुई हैं उनमें से 85 प्रतिशत तबलीगी जमात वालों पर हुआ है. इफरा जान ने कहा कि मैं भी तबलीगी जमात वालों की निंदा करती हूं. साथ ही देश के सभी मौलाना से मैं अपील करता हूं कि नियम का पालन जरूर करें. इसपर राजीव जेटली ने कहा कि मौलाना गरीबी मुसलमानों के पेट में लात मार रहे और तबलीगी जमात को बचा रहे.
अतीक-उर-रहमान ने कहा कि डॉक्टर समाज के लोगों को मेरा सलाम है. तबलीगी जमात से गलती हुई उसे हम मानेंगे. फिरोज अहमद बख्त ने कहा कि इरफा जान आप किस धर्म का प्रचार कर रही हैं. कोरोना हिन्दू-मुसलमान नहीं देखता है, जो सरकार ने कहा कि उस पर अमल कीजिए. इस पर डॉ. कौशल कांत ने कहा कि मौलाना साद जैसे लोगों को फांसी में चढ़ा देना चाहिए, जिसका इरफा जान ने विरोध किया. इरफा ने कहा कि जिनसे भी लॉकडाउन तोड़ा है उन्हें पुलिस के हवाले कर देना चाहिए.
Source : News Nation Bureau