भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने दावा किया कि भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) से संबंधित रोजाना 10,000 जांच करने की क्षमता है. आईसीएमआर महानिदेशक ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बहरहाल रोजाना कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित 10,000 मरीजों की जांच करने की क्षमता है और आवश्यकता हुई तो इसमें इजाफा किया जा सकता है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में 5,000 मामलों की जांच की गई. और अब तक करीब-करीब 17,000 जांच की जा चुकी है. हालांकि एक बड़े तबके का मानना है कि आबादी के लिहाज से देश में कोरोना वायरस की जांच की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. फिलहाल 111 सरकारी और निजी लैब में ही जांच हो पा रही है.
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देश में 396 मामले, 7 की मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि 329 पॉजिटिव मामलों के साथ विदेशी नागरिकों सहित भारत में कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या रविवार को 360 तक पहुंच गई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 6.30 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 319 भारतीय और 41 विदेशी नागरिक शामिल इस वायरस की चपेट में हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक कुल 24 मरीजों को ठीक कर उन्हें छुट्टी दे दी गई है. कोरोना वायरस से देश भर में सात मौतें हुई हैं. जिन 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मामले सामने आए हैं, उनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं. इसके बाद केरल का नंबर है.
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सिर्फ 111 सरकारी लैब
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़े के मुताबिक जब भारत में 16 हजार 109 लोगों के कोरोना की जांच हुई, तब 341 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. वहीं, जब अमेरिका में एक लाख 41 हजार 591 लोगों के कोरोना की जांच की गई और कोरोना के 26 हजार 905 मामले पॉजिटिव आए. अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर भारत में कोरोना वायरस के मामले इतने कम क्यों हैं और लगातार बढ़ क्यों रहे हैं? दरअसल, इसकी वजह यह है कि भारत में कोरोना वायरस की ज्यादा जांच नहीं हो पा रही है, जिसके चलते कोरोना वायरस के सटीक आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं. आईसीएमआर भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए सिर्फ 111 सरकारी लैब हैं. अब निजी लैब को भी कोरोना की जांच की इजाजत दे दी गई है.
HIGHLIGHTS
- एक दिन में 10 हजार मरीजों की जांच ही संभव है देश में.
- इतनी बड़ी आबादी के लिहाज से यह संख्या पर्याप्त नहीं.
- ऐसे में आशंका यही है कि कोरोना के असल मामले बढ़ेंगे.