कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. एक तरफ कोरोना वायरस से अमेरिका, चीन, स्पेन और ईरान जैसे देश कराह रहे हैं लेकिन इसी बीच भारत के सामने एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. एक शोध में सामने आया है कि भारत में कोरोना वायरस में एक छोटा लेकिन, महत्वपूर्ण म्यूटेशन रिपोर्ट किया गया है। इसके कारण कोरोना वायरस कुछ कमजोर हो गया है.
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जीनोम स्ट्रक्चर में म्यूटेशन का दावा
2016 में पद्मभूषण से सम्मानित और एशियाई गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट सोसायटी के अध्यक्ष रहे डॉ. डी. नागेश्वर राव ने दावा किया है कि भारत में कोरोना के जीनोम स्ट्रक्चर में म्यूटेशन हुआ है. इसके कारण वायरस के एस-प्रोटीन की चिपकने की क्षमता कम हो गई है. इसका अर्थ है कि अब कोरोना के स्पाइक उस तरह से शक्तिशाली नहीं रह गए हैं, जैसे कि चीन में थे. इससे पहले इटली में भी कोरोना वायरस के जैनेटिक मटैरियल में तीन म्यूटेशन हुए. लेकिन यह तीनों म्यूटेशन खतरनाक थे और उन्होंने कोरोना वायरस को ज्यादा घातक बना दिया.
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क्या होता है म्यूटेशन
अगर किसी वायरस या बैक्टीरिया से लेकर इंसान में स्थान, वातावरण या अन्य किसी कारण से डीएनए और आरएनए में कोई भी बदलाव होता है, तो वह म्यूटेशन होता है. म्यूटेशन ने जीवों के विकास क्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस में 29,903 न्यूक्लियस बेस हैं, जिनका क्रमानुसार चीन के मुकाबले भारत और इटली में बदल गया.
Source : News State