सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Narwane) ने शुक्रवार को कहा कि सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं (क्रमश: चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं) पर अपनी युद्ध संबंधी तैयारियों पर कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) के कारण आयी वित्तिय अड़चनों का कोई प्रभाव नहीं पड़ने देगी. एक प्रमुख रक्षा थिंक-टैंक में बातचीत के दौरान जनरल नरवणे ने कहा कि सरकार की ओर से संदेश मिला है कि 2020-21 की पहली तिमाही में अपने खर्च को 20 प्रतिशत कम करें और सेना अपनी क्षमताओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर इस आदेश का पालन कर रही है.
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उन्होंने कहा कि खर्च कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें बड़े सैन्य अभ्यासों से बचना और सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने पर पाबंदी शामिल है. सेना प्रमुख ने कहा कि एक साल में 250 से 300 बार तक सेना की इकाइयों और बटालियन को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है, ऐसे में सेना उनमें कमी करने पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक आवाजाही पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च होते हैं. ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात इकाइयों या उग्रवाद से निपटने के लिये तैनात इकाइयों की आवाजाही जारी रहेगी. लेकिन, इकाइयों को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने पर पांबदी ल्रगा सकते हैं. हमने ऐसी 100 इकाइयां चिह्नित की हैं, जो अपने मौजूदा स्थान पर रह सकती हैं.’’
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नरवणे ने कहा कि हम देखते हैं कि सैन्य अभ्यासों में से किसे टाला जा सकता है और किसका आयोजन छोटे पैमाने पर किया जा सकता है. साथ ही, जनरल नरवणे ने कहा कि हथियारों और उपकरणों की खरीद में कोई कमी नहीं की जाएगी.
Source : Bhasha