देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की रफ्तार तेजी से आगे बढ़ रही है. संक्रमण के करीब 10 हजार मामले रोज सामने आ रहे हैं. इसी बीच आईआईटी (IIT) बॉम्बे के प्रोफेसरों की एक स्टडी ने चिंता और बढ़ा दी है. उनका कहना है कि मानसून में कोरोना तेजी से रफ्तार पकड़ सकता है. अगर यह स्टडी सही साबित हुई तो मुंबई और चेन्नई जैसी शहरों की स्थिति भयावह हो सकती है. मुंबई में पहले से ही कोरोना के मामलों ने स्थिति बेकाबू कर दी है.
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आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज और अमित अग्रवाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर एक स्टडी की है. इसमें कोरोना वायरस और मौसम के कनेक्शन को लेकर एक स्टडी की गई है जिसमें मानसून के दौरान कोरोना के प्रसार की संभावनाएं ज्यादा बताई जा रही हैं. स्टडी में बताया गया है कि मानसून (Monsoon) के आने के साथ ही कोरोना का संक्रमण और तेजी से बढ़ सकता है. स्टडी के मुताबिक ह्यूमिडिटी (Humidity) बढ़ने पर वातावरण में कोरोना वायरस अधिक समय तक रह सकता है.
दोनों प्रोफेसर ने कोरोना वायरस मरीज की छींक से निकलने वाले ड्रापलेट को सुखाया. इसके बाद इसकी सूखने की गति और दुनिया के 6 शहरों में हर दिन होने वाले संक्रमण से इसकी तुलना की. इस तुलनात्मक स्टडी में पाया गया कि सूखे वातावरण के मुकाबले ह्यूमिडिटी वाले इलाके में कोरोना वायरस के रहने की क्षमता 5 गुना तक ज्यादा है.
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मुंबई में जल्द ही मानसून दस्तक देने वाला है. मानसून में यहां पर ह्यूमिडिटी का स्तर 80 फीसदी से ज्यादा हो जाता है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण के मामले मानसून के दौरान और तेजी से बढ़ सकते हैं. अगर ह्यूमिडिटी कोरोना वायरस के संक्रमण को ज्यादा देर तक रख सकता है तो मुंबई, केरल और गोवा जैसे राज्यों के लिए आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है.
Source : News Nation Bureau