भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए जारी वैक्सीनेशन के बीच बड़ी खबर सामने आई है. भारत में कोरोना की पहली नेजल वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि स्वदेशी वैक्सीन बनानी वाली भारत बायोटेक के नाक से दिए जाने वाली नेजल वैक्सीन को नियामक से दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन के निर्माण में बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट और इसकी पीएसयी बायोटेक्नोलॉजी उद्योग शोध सहायता परिषद ( BIRAC ) ने अपना सहयोग दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है. भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन का नाम कोरो फ्लू रखा है. इस वैक्सीन के ट्रायल जनवरी में शुरू किए गए थे.
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First Nasal Vaccine developed by Bharat Biotech supported by Department of Biotechnology (DBT) and its PSU, Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC) gets a nod of regulator for Phase 2/3 Trial: Ministry of Science & Technology
— ANI (@ANI) August 13, 2021
वहीं हाल ही में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ वायरोलॉजी के साथ बैठक में मीसा वैक्सीन ने दावा किया कि टीका लगने के बाद वायरस अटैक करता है तो दवा उसे वहीं निष्क्रिय कर देगी. कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीन (Corona Vaccine) ही सबसे बड़ा हथियार मानी जा रही है. इंजेक्शन से दी जाने वाली वैक्सीन के अलावा नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) के भी ट्रायल जारी हैं. इसके कई सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जानी वाली नेजल वैक्सीन मौजूदा टीकों की तुलना में ज्यादा कारगर और असरदार हो सकती है. दुनियाभर में छह नेजल वैक्सीन का पहले चरण में परीक्षण चल रहा है.
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भारत बायोटेक के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. इसके लिए अरबों की सुईयों को जरूरत नहीं पड़ेगी. डॉक्टरों के मुताबिक इसके लिए किसी ट्रेनर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे लोग सेल्फ भी ले सकेंगे. अब इसके नतीजे आने का इंतजार है. भारत में वैक्सीन के दो डोज को हर नागरिक तक पहुंचाने में काफी वक्त लग सकता है, ऐसे में ये वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है.
Source : News Nation Bureau