दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के शुभारंभ से पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में कई बार भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन को भी आईना दिखाया. उन्होंने न सिर्फ यह कहा कि भारत ने सबसे पहले एय़रपोर्ट पर दूसरे देशों से आने वाले नागरिकों के लिए परीक्षण की सुविधा शुरू की थी, बल्कि बाहर फंसे भारतीयों को वापस घर लाने के लिए अभियान चलाया. इस कड़ी में वह पाकिस्तान (Pakistan) पर निशाना साधने से नहीं चूके कि कोरोना संक्रमण के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन हो रहा था. उस वक्त कई देशों ने अपने नागरिकों को चीन में उनके हाल पर छोड़ दिया था, लेकिन हम उन्हें भी निकाल कर लाए.
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इमरान सरकार ने अपने नागरिकों को चीन में छोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण से पहले अपने संबोधन में कहा, 'ऐसे कठिन समय जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया. सिर्फ भारतीय ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए.' गौरतलब है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने अपने नागरिकों को उस समय चीन में उनके हाल पर छोड़ दिया. इसके बाद पाकिस्तानी छात्रों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई थी. फिर भारतीय विमान उन्हें भी निकाल कर लाए थे.
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संयम-अनुशासन की लड़ाई में देशवासी सफल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 17 जनवरी 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी. भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की. भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए. 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुए.