कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. भारत की अर्थव्यवस्था भी लॉकडाउन की वजह से गिर रही है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने इस पर चिंता जता हुए पीएम मोदी (PM Modi) को खत लिखा है. खत के माध्यम से सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था को लेकर 5 सुझाव भी दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सामने गंभीर आर्थिक संकट के बारे में लिखा है. उन्होंने MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) की चिंताओं को दोहराया और निवारण के लिए 5 ठोस विचारों का सुझाव दिया.
Congress President Sonia Gandhi writes to Prime Minister Narendra Modi on the grave economic crisis facing the nation. She reiterated the concerns of MSMEs (Micro, Small and Medium Enterprises) & suggested five concrete ideas for redressal: Congress. #COVID19 pic.twitter.com/XPVTHvjDOS
— ANI (@ANI) April 25, 2020
MSMEs सेक्टर का हर रोज 30 करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान
कांग्रेस की आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सोनिया गांधी की लिखी चिट्टी को शेयर किया गया है. सोनिया गांधी ने इस खत में लिखा है कि लॉकडाउन की एक दिन की कीमत MSMEs सेक्टर पर 30 हजार करोड़ की चोट कर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले पांच सप्ताह में देश कई चैलेंज का सामना कर रहा है. आर्थिक संकट तेजी से बढ़ रहा है जिसपर ध्यान देने की जरूरत है.
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MSMEs सेक्टर में 11 करोड़ लोग करते हैं काम
सोनिया गांधी ने कहा कि MSMEs का भारत की जीडीपी में एक तिहाई से ज्यादा योगदान है. इसमें 11 करोड़ लोग काम करते हैं.जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार से जरूरी मदद नहीं मिलती है तो 6.3 करोड़ MSME बर्बाद होने की कगार पर है. अगर इस वक्त हम इनकी मदद नहीं करते हैं तो अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा. सोनिया गांधी ने MSMEs को बचाने के लिए पांच सुझाव दिए.
1.कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की. सोनिया गांधी ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान करना चाहिए. ऐसा करने से न सिर्फ लोगों की नौकरियां बचेंगी बल्कि इस सेक्टर का मनोबल भी बरकरार रहेगा.
2. सोनिया गांधी ने दूसरा सुझाव दिया कि MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण किया जाना चाहिए. ऐसा करने से सेक्टर में लिक्विडिटी के साथ सेक्टर के पास पर्याप्त पूंजी पहुंच जाएगी. जिसका इस्तेमाल MSME सेक्टर उस वक्त कर सकेगा जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी.
3. MSME सेक्टर के मार्गदर्शन के लिए 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन बनाना चाहिए.
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4. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से उठाए गए कदमों का असर दिखना चाहिए और वाणिज्यिक बैंकों से एमएसएमई को कर्ज मिलना सुनिश्चित हो.
5. MSME (एमएसएमई) द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज के भुगतान को 3 महीने के लिए टाला जाए तथा सरकार इस क्षेत्र से जुड़े कर को माफ करने अथवा कम करने पर विचार करे. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को जिन वजहों से ऋण मिलने में अवरूद्ध पैदा हो रहा है, उन्हें दूर किया जाए.
Source : News Nation Bureau