Coronavirus (Covid-19): दवा बनाने वाली कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) को कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) से संक्रमित मरीजों पर टैबलेट फैविपिराविर (Favipiravir Tablets) का परीक्षण करने की अनुमति मिल गयी है. कंपनी ने दावा किया कि भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिये सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) खुद ही तैयार किया है. इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है.
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ग्लेनमार्क ने मांगी थी मानवीय चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति
कंपनी ने इसके मानवीय चिकित्सकीय परीक्षण (Clinical Trial) की अनुमति मांगी थी. यह मंजूरी कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गयी, जिनकी स्थिति अधिक गंभीर नहीं है. कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों पर दवा के परीक्षण के लिये नियामकीय मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है. फैविपिराविर एक वायरल-रोधी (Antiviral) दवा है. इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने अच्छे परिणाम दिये हैं. जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिये इस दवा के उपयोग की अनुमति है. नियमों के अनुसार कंपनी आंशिक तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित चुनिंदा 150 मरीजों पर इसका परीक्षण करेगी.
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मरीजों पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है. इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है. पिछले कुछ महीनों में चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों पर इस तरह के कई प्रायोगिक परीक्षण किये गये हैं. ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा कि यह उत्पाद जापान की फुजिफिल्म तोयामा केमिकल कंपनी लिमिटेड के एविगन टैबलेट का जेनेरिक संस्करण है.