कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को (Coronavirus Cases in India) देखते हुए 5 से 12 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन की सुरक्षा प्रदान करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की एक्सपर्ट कमेटी ने गुरुवार को कोर्बेवैक्स वैक्सीन (Corbevax Vaccine) को मंजूरी दे दी है. एक्सपर्ट कमेटी के पैनल ने आज बच्चों के इस आयुवर्ग के डेटा और टीके के उपयोग पर चर्चा की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अंतिम मंजूरी से पहले अब डीसीजीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की अनुमति का इंतजार है. इस समय कोविड-19 से बचाव को लेकर कोर्बेवैक्स वैक्सीन 12 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों को लगाई जा रही है.
भारत में इस समय 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दो कोविड -19 वैक्सीन लगाई जा रही है. देश में अब बच्चों का टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। यह अभियान इस साल तीन जनवरी से जारी था। 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोरोना टीकाकरण का ऐलान किया गया था। इसे बाद में 16 मार्च से 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया।
कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को लगाई जा रही है. यह वैक्सीन सरकारी और निजी दोनों टीकाकरण केंद्र पर उपलब्ध है। वहीं कोर्बेवैक्स वैक्सीन मात्र सरकारी केंद्रों पर 12 से 14 वर्ष के बच्चों को मिल रही है. कोर्बेवैक्स वैक्सीन भारत में तैयार की गई है. यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है. इस तरह की तकनीक का उपयोग कई दशकों से हेपेटाइटिस बी के टीके बनाने को लेकर किया जाता रहा है.
HIGHLIGHTS
- कोर्बेवैक्स वैक्सीन 12 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों को लगाई जा रही है
- कोवैक्सीन 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को लगाई जा रही है