केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की रोकथाम के लिए लागू पाबंदियो के दौरान बिजली (Electricity) की निरंतर-आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये वितरण कंपनियों को उत्पादक कंपनियों के भुगतान में तीन माह की मोहलत देने समेत उनकी मदद करने के लिए कई कदम उठाये हैं. वितरण कंपनियों (Distribution Companies) द्वारा बिजली खरीद के लिए अनिवार्य भुगतान सुरक्षा राशि घटाकर 50 प्रतिशत कर दी गयी है.
यह भी पढ़ें: आर्थिक मंदी की गिरफ्त में आ गई है पूरी दुनिया, IMF ने जताया अनुमान
देरी से भुगतान को लेकर नहीं लगाया जाएगा कोई जुर्माना
उल्लेखनीय है कि बिजली मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त से उत्पादक कंपनियों से विद्युत लेने के लिये साख पत्र देने को अनिवार्य कर दिया है. बिजली वितरण कंपनियों के ऊपर उत्पादक कंपनियों के बढ़ते बकाये को देखते हुए ये कदम उठाये गये हैं ताकि बिजली की आपूर्ति में व्यवधान न हो. बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार बिजली नियामक सीईआरसी को बिजली वितरण कंपनियों को उत्पादक तथा पारेषण इकाइयों के भुगतान को लेकर तीन महीने की मोहलत देने को कहा गया है. देरी से भुगतान को लेकर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. इसके अलावा राज्यों से इसी प्रकार का निर्देश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) को देने को कहा गया है.
यह भी पढ़ें: सनफार्मा 25 करोड़ रुपये की दवाएं, सैनिटाइजर उपलब्ध कराएगी तो हुंदै मंगाएगी 25,000 किटें
बिजली मंत्री आर के सिंह ने बयान में कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये जारी बंद के बावजूद बिजली क्षेत्र (उत्पादक, पारेषण और वितरण तथा प्रणाली परिचालन) के सभी कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं. घरेलू कोयला कंपनियों से कोयले की आपूर्ति तथा रेलवे से ढुलाई को बनाये रखने के लिये मंत्रालय दोनों विभागों के संपर्क में है. सिंह ने कहा कि निकलने बढ़ने पर रोक के कारण उपभोक्ता अपना बकाया वितरण कंपनियों के देने की स्थिति में नहीं है. इससे वितरण कंपनियों की नकदी पर असर पड़ रहा है जिसके कारण उन्हें उत्पादक और पारेषण कंपनियों को वे भुगतान करने में समस्या होगी.
यह भी पढ़ें: 2020-21 में 2 फीसदी घट सकती है भारत की GDP ग्रोथ, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का बड़ा बयान
उन्होंने कहा कि इसीलिए वितरण कंपनियों को राहत देने के लिये उत्पादक और पारेषण कंपनियों के भुगतान पर तीन महीने की रोक लगायी गयी है. वितरण कंपनियों की नकदी की समस्या को कम करने के ये कदम उठाये गये हैं. बयान के अनुसार इस आपात स्थिति में केंद्रीय बिजली उत्पादक कंपनियां/पारेषण कंपनियां बिजली की आपूर्ति ओर पारेषण वितरण कंपनियों को करती रहेंगी. वितरण कंपनियों के लिये बिजली देने को लेकर उत्पादक कंपनियों के साथ भुगतन सुरक्षा व्यवस्था को कम कर 30 जून 2020 तक 50 प्रतिशत किया जाएगा.