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लॉकडाउन में मजबूर हुए मजदूर, भूख के आगे टूट रहा है उनका सब्र, जगह-जगह हंगामा

महामारी कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) का प्रकोप सबसे अधिक गरीब और मजदूरों पर बरस रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद जब से देश में लॉकडाउन लागू हुआ है तब से मजदूरों का वर्ग तमाम समस्याएं झेल रहा है. देश के कई जगहों से मजबूर मजदूरों की कहानी स

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Vineeta Mandal
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Migrant Wokrers( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

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महामारी कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) का प्रकोप सबसे अधिक गरीब और मजदूरों पर बरस रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद जब से देश में लॉकडाउन लागू हुआ है तब से मजदूरों का वर्ग तमाम समस्याएं झेल रहा है. देश के कई जगहों से मजबूर मजदूरों की कहानी सामने आ रही है. कहीं ये गरीब तबका भूख से बिलख रहा है तो कहीं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ नंग पांव कई मील का सफर तय कर रहा हैं. इसके अलावा अब तक कई मजूदर इस लॉकडाउन में अपनी जान गंवा चुके है, घर पहुंचने से पहले ही रास्ते में हादसे का शिकार होकर अपना दम तोड़ दे रहे हैं.

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गौरतलब है कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मध्य प्रदेश के गुना और बिहार के समस्तीपुर में सड़क हादसे में कुल 16 जवानों की जान चली गई जबकि कई घायल भी हो गए. वहीं महाराष्ट्र के मुंबई से भी एक दुखद तस्वीर सामने आ रही है. यहां बुधवार को सैकड़ों मजदूरों ने घर जाने के लिए स्पेशल ट्रेन की मांग कर विरोध प्रदर्शन किया. बदले में इन मजदूरों को ट्रेन की जगह पुलिस की लाठियां मिली.

दरअसल, जिन मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन की सुविधा नहीं मिल पा रही वो ज्यादातर मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं.वहीं कुछ लोग लगातार प्रशासन से स्पेशल ट्रेन की मांग कर रहे हैं. मुंबई के नागपाड़ा इलाके में सैकड़ों की संख्या में मजदूर सड़कों पर उतर आए. बेलासिस रोड के पास मजदूरों ने अपने घर उत्तर प्रदेश भेजने की मांग की, लेकिन जब भीड़ बढ़ती गई तो स्थानीय पुलिस ने लाठीचार्ज कर मजदूरों को तितर-बितर किया. वहीं बताया जा रहा है कि इस भीड़ में महिला समेत कई बच्चे भी शामिल थे.

वहीं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सड़क से ही बिहार लौट रहे मजदूरों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. हरियाणा से निकल कर बॉर्डर पर जमा हुए मजदूरों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में मालिक हमें घर जाने को कह रहा है इसलिए हम निकल गए लेकिन बिहार की सरकार उनके घर जाने की कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. इसके बाद मजदूरों को स्थानीय शेल्टर होम में भेजा गया.

पंजाब में भी मजदूरों की हालात बदत्तर ही है. यहां बठिंडा में सैकड़ों की संख्या में श्रमिक मजदूर रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए. उन सभी का कहना था कि उन्हें कहा गया कि यहां से श्रमिक ट्रेन जा रही है इसलिए वे कई किमी चलकर स्टेशन आए थे. लेकिन अब यहां कुछ नहीं हैं तो वापस वहां ही जा रहे हैं जहां रुके हुए थे.

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गुजरात मॉडल में भी गरीब और मजबूर मजदूरों पर कोरोना लॉकडाउन की मार पड़ रही है. गुजरात के कच्छ में भी प्रवासी मजदूरों ने स्थानीय प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया. इसके बाद इन मजदूरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया. वहीं बदले में मजदूरों ने भी पुलिस पर पत्थर बरसाए. बता दें कि मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने टिकट के पैसे दिए हैं लेकिन ट्रेन की व्यवस्था अबतक नहीं हुई.

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